चिट्ठी बम ने मंत्री बनने की संभावनाओं के उड़ा दिए परखच्चे

चिट्ठी बम ने मंत्री बनने की संभावनाओं के उड़ा दिए परखच्चे

बदायूं लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के लोकप्रिय सांसद धर्मेन्द्र यादव की सराहना करने वाले भाजपा विधायकों के पत्र के सार्वजनिक होने से जिले का दोहरा नुकसान हुआ है। पत्र सार्वजनिक होने को लेकर उच्च स्तरीय जांच बैठा दी गई है, वहीं जिले के प्रतिनिधियों को मंत्रिमंडल विस्तार में स्थान मिल पाना अब संभव नहीं लग रहा है। भाजपा विधायकों के पत्र में ऐसा कुछ नहीं था, जिसे आम जनता नहीं जानती हो लेकिन, भाजपा नेतृत्व द्वारा नकारात्मक संदेश देने के कारण सांसद धर्मेन्द्र यादव न सिर्फ सोशल साइट्स पर बल्कि, गाँव-गाँव और गली-गली चर्चा का विषय बने हुए हैं।

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उल्लेखनीय है कि सोमवार को एक पत्र प्रकाश में आया था, जिसे मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए सदर क्षेत्र के भाजपा विधायक महेश चंद्र गुप्ता, बिल्सी क्षेत्र के भाजपा विधायक पंडित राधाकृष्ण शर्मा, दातागंज क्षेत्र के भाजपा विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू” और विधान परिषद सदस्य जयपाल सिंह “व्यस्त” के द्वारा दिया गया था, इस पत्र को मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी अजय कुमार सिंह द्वारा 27 मार्च को कार्रवाई हेतु अग्रसारित कर दिया गया है।

पत्र चर्चा का विषय इसलिए बन गया कि भाजपा के विधायकों द्वारा पत्र में कहा गया है कि अखिलेश यादव के अनुज धर्मेन्द्र यादव वर्ष- 2009 से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, उन्होंने सपा की सरकार में राजकीय मेडिकल कॉलेज बनवाया, ओवरब्रिज बनवा कर शहर को जाम से मुक्त कराया, बाईपास स्वीकृत कराया, बरेली तक फोरलेन बनवाया, जनपद के कई मार्गों को राजकीय मार्ग का दर्जा दिलाया, कई डिग्री कॉलेज बनवाये, दो विकास खंड सृजित कराये, राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज और राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बनवाने का प्रयास किया, यह सब कार्य होने से जनपद के नागरिकों में सांसद धर्मेन्द्र यादव के प्रति जनपद के नागरिकों में आस्था जन्मी है, साथ ही पत्र में कहा गया है कि जनपद के छः विधान सभा क्षेत्रों में से पांच में भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं एवं प्रदेश में भाजपा की सरकार है लेकिन, सांसद धर्मेन्द्र यादव के प्रभाव में कोई कमी नहीं आई है, जिस कारण 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चुनाव जीतने की स्थिति में होगा, इसमें संदेह है।

सांसद धर्मेन्द्र यादव द्वारा कराये गये विकास कार्यों और उनकी लोकप्रियता का हवाला देते हुए पत्र में आगे कहा गया है कि समाजवादी पार्टी से नागरिकों को तोड़ने के लिए आवश्यक है कि जनपद में कुछ कल्याणकारी विकास कार्य कराये जायें। पैरामेडिकल कॉलेज, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, ट्रांसपोर्टनगर, नव-सृजित विकास खंडों के भवन, कुंवरगाँव, वजीरगंज और बिनावर में डिग्री कॉलेज, कछला में भागीरथी के नाम से पर्यटन स्थल, सोत, महाबा और भैंसोर नदी को पुनर्जीवित करने एवं नदी के किनारे एक्सप्रेस-वे, कृषि विश्व विद्यालय, शेखूपुर चीनी मिल का विस्तार और पशु अनुसंधान केंद्र खोलने की मांग की गई है।

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उक्त पत्र को सार्वजनिक होते ही समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हाथों-हाथ लिया, साथ ही कमेंट किया कि सच्चाई स्वीकार करने के लिए धन्यवाद, वहीं भाजपाई मूकदर्शक वाली अवस्था में आ गये लेकिन, सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने सच स्वीकार करते हुए कहा कि उनका ध्येय जनपद का विकास कराना ही है, वे आलोचना और निंदा करने की जगह अभूतपूर्व विकास कार्य करा कर और बेहतर व पारदर्शी व्यवस्था देकर नई एवं बड़ी लकीर खींचना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का उद्देश्य है कि लोग विकास को लेकर तुलना करें तो, विपक्षी विकास में भी बहुत पीछे नजर आयें, इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री को पत्र सौंपा गया था।

उधर उक्त प्रकरण को लेकर सूत्रों का कहना है कि पत्र सार्वजनिक होने की जांच बैठा दी गई है, इसके अलावा मुख्यमंत्री के सामने संबंधित विधायकों ने स्थिति स्पष्ट कर दी है लेकिन, पूरे घटनाक्रम में जिले का दोहरा नुकसान हुआ है। सांसद धर्मेन्द्र यादव के विकास कार्यों से ज्यादा विकास कार्य कराने की तरह ही जिले में एक मंत्री होने का आधार भी सांसद धर्मेन्द्र यादव का ही विशाल कद था। विभिन्न स्तरों पर यह तर्क रखा गया था कि बदायूं सपा का गढ़ है और यहाँ से धर्मेन्द्र यादव सांसद है, उनके आभा मंडल से जिले को मुक्त कराने को मंत्री बनाना चाहिए। मंत्रिमंडल विस्तार में जिले को प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना बन भी गई थी लेकिन, उक्त चिट्ठी बम ने संभावनाओं के परखच्चे उड़ा दिए हैं।

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खैर, बात भावनाओं की करें तो, भाजपा विधायकों का उद्देश्य शीर्ष नेतृत्व को जमीनी सच से अवगत करा कर जिले का विकास कराना ही था। पत्र मार्च महीने में दिया गया था, जिसे नेतृत्व ने गंभीरता से लिया होता तो, जिले में युद्ध स्तर पर विकास कार्य हो रहे होते। पत्र सार्वजनिक होने के बाद भी नेतृत्व सच स्वीकार नहीं कर रहा है, अब जिले का दोहरा नुकसान हो रहा है। धर्मेन्द्र यादव के संबंध में तो आम जनता सब कुछ पहले से ही जानती है, इसलिए आम जनता की दृष्टि से पत्र में कुछ नया नहीं था लेकिन, आम जनता अब विकास की तुलना करने को लेकर सक्रिय हो गई है, जिसका सीधा लाभ धर्मेन्द्र यादव को मिलना स्वभाविक ही है।

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