स्वास्थ्य विभाग में नहीं चलता डीएम का निर्देश, अकरम भी मार रहा है मौज

स्वास्थ्य विभाग में नहीं चलता डीएम का निर्देश, अकरम भी मार रहा है मौज

बदायूं जिले के स्वास्थ्य विभाग का संचालन तालिबानी अंदाज में किया जा रहा है। मनमानी और भ्रष्टाचार का आलम यह है कि स्वास्थ्य विभाग में जिलाधिकारी के निर्देशों को भी नहीं माना जाता। झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध चल रहे अभियान में डिग्रीधारियों पर कार्रवाई की जा रही हैं लेकिन, रिश्वतखोरी के चलते झोलाछाप मौज मार रहे हैं।

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सबसे पहले बात बिल्सी में स्थित सीएचसी की करते हैं, यहाँ तैनात एक स्टाफ नर्स ने उत्पीड़न से तंग आकर विषाक्त पदार्थ खा लिया था। स्टाफ नर्स ने एक नोट भी छोड़ा था, जिसमें एमओआईसी गौरव वर्मा और एक संविदा कर्मी पर आरोप लगाया गया था। स्वास्थ्य विभाग की फजीहत होने के बाद जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने एमओआईसी गौरव वर्मा को तत्काल हटाने और विवादित संविदा कर्मी को मूल तैनाती स्थल पर भेजने के निर्देश सीएमओ को दिए थे।

उपचार के बाद स्टाफ नर्स सही हो गई थी, जिसके बाद स्टाफ नर्स को जिला मुख्यालय पर तैनात कर दिया गया, जबकि आरोपी एमओआईसी गौरव वर्मा और विवादित संविदा कर्मी बिल्सी में ही जमकर मनमानी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि दोनों मिल कर क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टरों को जमकर लूट रहे हैं। जो इन लोगों को रूपये दे जाता है, उसका कुछ नहीं होता। कस्बा बिल्सी में ही डॉक्टर बंगाली सड़क किनारे खुलेआम बड़ा क्लीनिक चलवा रहा है पर, गौरव वर्मा की उस पर नजर तक नहीं जाती, इसी तरह कस्बे में कई अवैध क्लीनिक चल रहे हैं, जिन पर गौरव वर्मा की सीधी कृपा बरस रही है।

अब बात कस्बा वजीरगंज की करते हैं, यहाँ एक महिला की मौत के बाद अकरम नाम के फर्जी डॉक्टर के विरुद्ध बवाल हुआ था। छुटभैया भाजपा नेता ने मोटी रकम लेकर बवाल शांत करवा दिया था लेकिन, मीडिया रिपोर्ट के आधार पर एडी हेल्थ बरेली ने रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अकरम खुलेआम क्लीनिक चला रहा है। अकरम पर न पुलिस अंकुश लगा रही है और न ही स्वास्थ्य विभाग।

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उधर बीते दिनों अलापुर थाने में वैध डॉक्टरों के विरुद्ध ही मुकदमा दर्ज करा दिया गया, क्योंकि वैध डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग के संबंधित कर्मचारियों को रिश्वत देने नहीं आये होंगे। मुकदमा दर्ज होने के बाद बात खुली तो, स्वास्थ्य विभाग की बड़ी फजीहत हुई लेकिन, दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिले भर के हालात खराब हैं। झोलाछाप डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग के मगरमच्छों के लिए दूध देने वाली गाय बन गये हैं।

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