चुनाव: उत्तर प्रदेश के 45 विधायकों को टिकट न देने की एडीआर ने की सिफारिश

चुनाव: उत्तर प्रदेश के 45 विधायकों को टिकट न देने की एडीआर ने की सिफारिश

उत्तर प्रदेश के वर्तमान 396 विधायकों में से 45 विधायकों के चुनाव लड़ने पर प्रश्न चिन्ह लगा गया है। एसोसिएट डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा 45 विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं। आरपी अधिनियम (रिप्रेजेन्टेशन ऑफ पीपुल एक्ट/लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम) 1951 की धारा- 8(1), (2) और (3) के अंतर्गत सूचीबद्ध अपराधों में उक्त आरोप तय हुए हैं, इनमें न्यूनतम छह महीने की सजा होने पर मौजूदा विधायक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

एडीआर ने संबंधित रिपोर्ट पहली बार जारी की है। सजा काटने के छः साल बाद तक विधायक चुनाव नहीं लड़ सकते। हालांकि चुनाव लड़ने की पात्रता या, अपात्रता तय करने का अधिकार केन्द्रीय चुनाव आयोग के पास ही है। एडीआर के मुख्य समन्वयक डॉ. संजय सिंह ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि इनमें भाजपा के 32, सपा के पांच, बसपा और अपना दल के 3-3 एवं कांग्रेस व अन्य दल का एक-एक विधायक शामिल है। इन 45 विधायकों के विरुद्ध आपराधिक मामले लंबित रहने की औसत संख्या 13 वर्ष है। 32 विधायकों के विरुद्ध दस साल या, उससे अधिक समय से कुल 63 आपराधिक मामले लंबित हैं। इस सूची में टॉप पर मड़िहान विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रमाशंकर सिंह, दूसरे स्थान पर बसपा के मऊ क्षेत्र से मुख्तार अंसारी, तीसरे स्थान पर धामपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक अशोक कुमार राना हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का नाम भी इस सूची में शामिल है।

धारा 8 (1), (2) और (3) के अंतर्गत सूचीबद्ध अपराध

गंभीर/भयानक/जघन्य प्रकृति अपराध यानी, भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) के अंतर्गत हत्या, बलात्कार, डकैती, लूट, अपहरण, महिलाओं के ऊपर अत्याचार, रिश्वत, अनुचित प्रभाव, धर्म, नस्ल, भाषा, जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता जैसे अपराध शामिल हैं। इसमें भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग, उत्पादन/विनिर्माण/खेती, कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन, भंडारण या, किसी भी नशीली दवा के सेवन से संबंधित अपराध, जमाखोरी और मुनाफाखोरी से संबंधित अपराध, भोजन और दवाओं में मिलावट, दहेज आदि से संबंधित अपराध भी शामिल हैं। दोषी ठहराने के बाद कम से कम दो साल के कारावास की सजा भी इसमें शामिल है।

अयोग्यता के मापदंड

एक्ट की धारा- आठ (1) में दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित, धारा- 8 (2) के अंतर्गत कम से कम 6 महीने की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने पर आयोग्य घोषित, धारा- 8 (3) के अंतर्गत 2 साल से कम की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित हो जाते हैं।

एडीआर की सूची में शामिल हैं यह विधायक

1- रमा शंकर सिंह-मड़िहान- भाजपा, 2- मुख्तार अंसारी- मऊ-बसपा, 3- अशोक कुमार राणा-धामपुर- भाजपा, 4- सूर्य प्रताप-पथरदेवा- भाजपा, 5- संजीव राजा-अलीगढ़- भाजपा, 6- कारिंदा सिंह- गोवर्धन- भाजपा, 7- राज कुमार पाल-प्रतापगढ़- अपना दल, 8- सुरेश्वर सिंह-महसी- भाजपा, 9- मो. रिजवान-कुंदरकी- सपा, (उपरोक्त विधायकों पर तीनों धाराओं में आरोप तय, 20 से अधिक मामले), 10- अमर सिंह-शोहरतगढ़- अपना दल, 11- हरिराम-दुद्धी- अपना दल, 12- उमेश मलिक-बुढ़ाना- भाजपा, 13- सत्यवीर त्यागी-मेरठ- किठोर, 14- मनीष असीजा-फिरोजाबाद- भाजपा, 15- नंद किशोर-लोनी- भाजपा, 16- देवेन्द्र सिंह-कासगंज- भाजपा, 17- वीरेन्द्र सिंह-एटा- भाजपा, 18- विक्रम सिंह-खतौली- भाजपा, 19- धर्मेन्द्र कुमार सिंह शाक्य-शेखुपुर- भाजपा, 20- राजेश मिश्र-बिथरी चैनपुर- भाजपा, 21- बाबू राम-पूरनपुर- भाजपा, 22- मनोहर लाल-मेहरौनी- भाजपा, 23- बृजभूषण -चरखारी- भाजपा, 24- राजकरन-नरैनी- बांदा, 25- अभय कुमार-रानीगंज- भाजपा, 26- राकेश कुमार-मेंहदावल- भाजपा, 27- संजय प्रताप जायसवाल-रुधौली- भाजपा, 28- राम चंद्र यादव-रुदौली- भाजपा, 29- गोरखनाथ-मिल्कीपुर- भाजपा, 29- इंद्र प्रताप-गोसाईगंज- भाजपा, 30- अजय प्रताप-कर्नलगंज- भाजपा, 31- श्रीराम-मोहम्मदाबाद गोहना- भाजपा, 32- आनंद-बलिया- भाजपा, 33- सुशील सिंह-सैयदरजा- भाजपा, 34- रवीन्द्र जायसवाल-वाराणसी उ- भाजपा, 35- भूपेश कुमार-राबर्ट्सगंज- भाजपा, 36- सुरेन्द्र मैथानी-गोविंदनगर- भाजपा, 37- असलम अली-धोलना- बसपा, 38- मो. असलम-भिनगा- बसपा, 39- अजय कुमार लल्लू-तमकुहीगंज- कांग्रेस, 40- विजय कुमार-ज्ञानपुर- अन्य दल, 41- राकेश प्रताप सिंह-गौरीगंज- सपा, 42- शैलेन्द्र यादव ललई-शाहगंज- सपा, 43- प्रभुनाथ यादव-सकलडीहा- सपा।

अपील

एडीआर और यूपी इलेक्शन वॉच मुख्य समन्वयक संजय सिंह ने बताया कि मैं राजनीतिक दलों से अपील करता हूँ कि वे इन विधायकों को टिकट न दें। हमने सिफारिश की है कि जघन्य अपराधों में आरोप सिद्ध होने के बाद चुनाव लड़ने पर स्थायी तौर से रोक लगाई जाये।

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