मुख्यमंत्री के कड़े तेवरों के चलते वीडियो कांफ्रेंस के दौरान सहमे रहे अफसर

मुख्यमंत्री के कड़े तेवरों के चलते वीडियो कांफ्रेंस के दौरान सहमे रहे अफसर
वीडियो कांफ्रेंस के द्वारा अफसरों से बात करते मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी फुल फॉर्म में आ रहे हाँ। उन्होंने अफसरों के पेंच कसते हुए कहा कि जनता की विकास तथा कानून-व्यवस्था से सम्बन्धित समस्याओं का निस्तारण जनपद स्तर पर प्रभावी ढंग से किया जाए, ताकि लोगों को इनके निस्तारण के लिए राजधानी लखनऊ की दौड़ न लगानी पड़े। उन्होंने कहा कि जनता के हितों की अनदेखी करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री आज लखनऊ स्थित शास्त्री भवन में आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों में कानून-व्यवस्था तथा विकास कार्याें के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि कानून-व्यवस्था में तत्काल सुधार लाया जाए तथा विकास के कार्य समयबद्धता के साथ पूर्ण किये जाएं, ताकि इनका लाभ लोगों को मिले। राज्य सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ की दिशा में कार्य कर रही है। अतः इस लक्ष्य की प्राप्ति हर हाल में सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था में सुधार तथा विकास कार्याें में तेजी के सम्बन्ध में अपनी मंशा पहले ही जाहिर कर दी थी। ऐसे में निचले स्तर के अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा इस दिशा में अकर्मण्यता दिखाना कतई स्वीकार्य नहीं है। राज्य सरकार अब और इन्तजार नहीं करेगी तथा लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आएगी। राज्य सरकार की भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टाॅलरेेन्स’ की नीति है। उन्होंने ‘यूपी- 100’ सेवा के तहत गाड़ियों पर तैनात कार्मिकों द्वारा धन वसूली की शिकायतों पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के अधिकतर मामले जनता से जुड़े होते हैं। ऐसे में इनका निस्तारण त्वरित गति से गुणवत्ता के साथ किया जाना चाहिए। इसमें तत्काल सुधार के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जनतंत्र में जनता सर्वाेपरि है, हम उसे नजरअन्दाज नहीं कर सकते। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को जनप्रतिनिधियों का उचित सम्मान करने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने सभी माफियाओं के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिये। पुलिस की गश्त/पिकेट को प्रभावी बनाने के साथ-साथ जनपदों में पुलिस की उपस्थिति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने गृह विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिये कि गम्भीर घटना होने पर उसमें अकर्मण्यता दिखाने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसी प्रकार, महिलाओं तथा लड़कियों को सुरक्षा प्रदान करने में अक्षम अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। उन्होंने प्रथम सूचना रिपोर्ट के शत-प्रतिशत पंजीकरण एवं त्वरित वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिये। जनसमस्याओं के त्वरित, प्रभावी एवं स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘यूपी- 100’ परियोजना को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। मामलों में भेदभाव के बिना निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, साथ ही पुलिस और जनता के बीच बेहतर सामंजस्य सुनिश्चित किया जाए। यातायात व्यवस्था दुरुस्त की जाए और लोगों को हेल्मेट लगाने, सीट बेल्ट बांधने के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही, चार-पहिया वाहनों में काली, रंगीन फिल्म, लाल-नीली बत्ती, हूटर इत्यादि का उपयोग रोकने से सम्बन्धित नियम सख्ती से लागू किये जाएं। उन्होंने साम्प्रदायिक सद्भाव बनाये रखने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिये।

बैठक के दौरान प्रमुख सचिव गृह तथा पुलिस महानिदेशक द्वारा यूपी- 100 सेवा के तहत वाहनों पर नियुक्त पुलिसकर्मियों द्वारा भ्रष्टाचार, लापरवाही, कदाचार एवं अनुशासनहीनता के लिए उनके विरुद्ध की गयी कार्रवाई के विषय में भी सूचित किया गया। उन्होंने बताया कि ऐसे कार्मिकों के खिलाफ निलम्बन, पदच्युत करना, लघुदण्ड, दीर्घदण्ड तथा गिरफ्तारी की कार्रवाई की गयी। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई, 2017 तक यूपी- 100 के भ्रष्टाचार में लिप्त 252 कार्मिक निलम्बित किये जा चुके हैं, जबकि 2 कार्मिक नौकरी से निकाले जा चुके हैं। इसके अलावा, 240 कार्मिकों को लघुदण्ड, जबकि 10 कार्मिकों को दीर्घदण्ड दिया जा चुका है। इसके अलावा, 7 कार्मिक गिरफ्तार किये जा चुके हैं। इस प्रकार कुल 511 कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने जनपद शामली के पुलिस अधीक्षक की कार्य कुशलता की तारीफ करते हुए कहा कि अपराध नियंत्रण के लिए सभी पुलिस अधीक्षकों को ऐसे ही कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए लागू की गयी ऋणमाफी योजना के सम्बन्ध में कहा कि इसके तहत किसानों की अर्हता का निर्धारण 12 अगस्त, 2017 तक अवश्य करा लिया जाए, साथ ही अभियान चलाकर लाभार्थियों का शत्-प्रतिशत आधार अंकन भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जिलों में स्थापित नियंत्रण कक्षों के प्रभावी संचालन के लिए दक्ष एवं भिज्ञ अधिकारियों/कर्मचारियों को दायित्व सौंपने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत मिलने वाली शिकायतों का प्रभावी निस्तारण व अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाए, साथ ही ऋण मोचन विषयक विवरण पत्रों के वितरण हेतु जनपदों में आयोजित किये जाने वाले कैम्पों के सम्बन्ध में समस्त तैयारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिलों को प्रेषित डाटा का सत्यापन यथा-शीघ्र निर्धारित समय-सीमा के तहत सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इसके तहत जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को ई-ट्रेनिंग दी जानी थी, उसे शीघ्र पूरा करवाया जाए और विभागों में नोडल अधिकारियों की तत्काल नियुक्ति की जाए। बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में बाढ़ कन्ट्रोल रूम तथा बाढ़ चैकियों को 24 घण्टे क्रियाशील रखा जाए। तटबन्धों/बन्धों की कटान एवं दरार आदि को रोकने के लिए समुचित उपाय किये जाएं। पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त संख्या में नावों की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर संचालित किये जाएं एवं उसमें समस्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें। प्रभावित जनसंख्या के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पशु कैम्प लगाकर पशुओं का टीकाकरण एवं चारे की समुचित व्यवस्था की जाए। गम्भीर बाढ़ की स्थिति में बचाव कार्य हेतु पीएसी बाढ़ वाहिनी एवं गोताखोरों की उपलब्धता तथा एनडीआरएफ से मदद ली जाए। बाढ़ राहत कार्याें के लिए आवश्यक बजट की मांग तत्काल राहत आयुक्त से की जाए। आकस्मिकता को देखते हुए जनपद स्तर पर टीआर- 27 से धनराशि आहरित कर खर्च की जाए। उन्होंने बाढ़ राहत कार्याें तथा पशु टीकाकरण के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सूचना विभाग का पूरा सहयोग लेने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत चिन्हित लाभार्थियों का परीक्षण कर पात्र व्यक्तियों को ही लाभ देने के निर्देश दिये। सभी पात्र लाभार्थियों की सूची ग्राम पंचायतों की दीवारों पर 10 अगस्त, 2017 तक अंकित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने भूमिहीन लाभार्थियों को पट्टा आवंटन करने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत राज्य स्तर पर नागर निकायों में कराये गये डिमांड सर्वे में कुल 31 लाख आवेदनों के सापेक्ष 9 लाख आवेदनों की जांच के उपरान्त 5 लाख लाभार्थियों के पात्र पाये जाने के सम्बन्ध में कहा कि इस कार्य में तेजी लायी जाए और शेष आवेदकों का सर्वे तत्काल कराया जाए। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 के लिए 5 लाख 40 हजार आवासों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे समयबद्ध तरीके से प्राप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन शासन द्वारा किया जा चुका है। जिन सरकारी भूमियों पर दबंगों ने कब्जा किया है, उन्हें तुरन्त खाली कराया जाए। इस टास्क फोर्स का टारगेट ऐसे भू-माफिया हैं, जो राजनीतिक संरक्षण में ग्राम पंचायत या सरकारी भूमि पर कब्जा करते हैं, न कि गरीब लोग।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वेक्टर जनित रोगों जैसे डेंगू, जेई/ एईएस इत्यादि के नियंत्रण के लिए सभी जनपदों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीमें गठित कर सार्वजनिक स्थलों, भवनों का निरीक्षण कर लार्वा स्थलों का चिन्हीकरण किया जाए और लार्वा साइडल रसायन का छिड़काव कराया जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्डाें का सत्यापन शीघ्र सम्पन्न कराया जाए और आधार संख्या की फीडिंग/सीडिंग भी सुनिश्चित की जाए, साथ ही ई-पास मशीनों की स्थापना राशन वितरण केन्द्रों पर सुनिश्चित की जाए। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत वितरित की जा रही वृद्धावस्था पेंशन के तहत सीडिंग का कार्य 30 सितम्बर, 2017 तक पूर्ण कराये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत वर्ष 2017-18 का लक्ष्य 23.49 लाख कर दिया गया है, जिसके सापेक्ष सभी जनपदों में शत्-प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित की जानी है। इसके लिए अभियान चलाकर गांवों में कैम्प लगाकर लाभार्थियों से आॅनलाइन आवेदन पत्र भरवाया जाए। मात्र 9 लाख लाभार्थियों के ही आधार नम्बर फीड किये गये हैं और सिर्फ 4.4 लाख लाभार्थियों के मोबाइल नम्बर ही फीड किये गये हैं, जो कम हैं। इस कार्य में तेजी लायी जाए और पुराने लाभार्थियों का सत्यापन कराकर सभी के आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर एवं फोटो आॅनलाइन अपडेट किये जाएं। यह कार्य अगले 2 माह में पूर्ण कर लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील/समाधान दिवस को प्रभावी बनाया जाए और जनसमस्याओं का निस्तारण समयबद्ध तरीके से गुणवत्तापूर्वक किया जाए। उन्होंने कहा कि पारदर्शी किसान सेवा योजना- डीबीटी का शत्-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए। किसी भी किसान के बैंक खाते में अनुदान को डीबीटी करने में 15 दिन से अधिक का समय नहीं लगना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी जनपदों में ग्रामीण परिवारों को स्वच्छता के प्रति जागरूक एवं उनके व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए निरन्तर सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने का कार्य किया जाए। ओडीएफ के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए शौचालय के निर्माण में तेजी लायी जाए और लाभार्थियों को प्रोत्साहन धनराशि उपलब्ध कराने में पारदर्शिता बरती जाए। नगरीय क्षेत्रों में भी इसी प्रकार इस कार्य में तेजी लायी जाए। उन्होंने सभी जनपदों में बिना भेदभाव अथवा वरीयता के विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों में सड़कों के गड्ढामुक्त/ नवीनीकरण एवं मरम्मत/ग्रामीण सम्पर्क मार्गाें की स्थिति की समीक्षा की जाए और वर्षा ऋतु समाप्त होते ही सामान्य मरम्मत एवं विशेष मरम्मत से नवीनीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर प्रारम्भ कर 2 माह में पूर्ण किया जाए, साथ ही जनप्रतिनिधियों को इन मार्गाें की सूची उपलब्ध करायी जाए, ताकि वे इनका सत्यापन कर सकें। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव राजीव कुमार, प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव आवास, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव सूचना सहित पंचायती राज, राजस्व, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, ग्राम्य विकास, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, कृषि, श्रम, बेसिक शिक्षा, ऊर्जा इत्यादि विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव मौजूद थे।

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