खुलासा: कथित आदर्शवादी नेता किराये पर देता है ई-रिक्शा

खुलासा: कथित आदर्शवादी नेता किराये पर देता है ई-रिक्शा
इस्लामियां इंटर कॉलेज के प्रांगण में 24 जुलाई को बांटे गये ई-रिक्शे।
इस्लामियां इंटर कॉलेज के प्रांगण में 24 जुलाई को बांटे गये ई-रिक्शे।

बदायूं विधान सभा क्षेत्र में बांटे गये ई-रिक्शों के प्रकरण में सनसनीखेज घोटाला प्रकाश में आ रहा है। एक कथित आदर्शवादी नेता ने डेढ़ सौ से अधिक ई-रिक्शा गरीबों के नाम पर फर्जी तरीकों से जारी करा लिए हैं, जिन्हें वो अब सौ रूपये प्रतिदिन के किराये पर चलवा रहा है, साथ ही उसने गरीबों को यह लालच दे रखा है कि एक वर्ष के बाद वह मुफ्त में रिक्शा दे देगा।

उल्लेखनीय है कि बदायूं स्थित इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रांगण में भव्य समारोह आयोजित कर 24 जुलाई को ई-रिक्शा बांटे गये थे, उस समय आरोप लगा था कि ई-रिक्शों के पात्र चयनित करने और वितरण में बड़ी धांधली हुई है, एआरटीओ में पात्रों से जमकर वसूली की गई है, ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रूपये तक वसूले गये हैं, साथ ही पांच सौ रूपये प्रति व्यक्ति तक रजिस्ट्रेशन करने के भी वसूले गये हैं एवं कुछ पात्रों से दलालों ने बीस हजार रूपये तक वसूले हैं, पर प्रशासनिक अफसरों ने जांच तक करानी उचित नहीं समझी।

इसके बाद गौतम संदेश ने ही खुलासा किया था कि 299 पात्रों में हिंदू समुदाय के मात्र 52 लोग ही थे, इसकी पूरी सूची भी प्रकाशित की गई थी। अब सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि मुस्लिम पात्रों में डेढ़ सौ ऐसे हैं, जिनके नाम पर एक कथित आदर्शवादी नेता ने फर्जी तरीकों से ई-रिक्शे जारी करा लिए हैं। कथित आदर्शवादी नेता सौ रूपये प्रतिदिन की दर पर रिक्शा किराये पर चलवा रहा है। शाम को सभी रिक्शे सोत नदी में कब्जाई गई जमीन पर खड़े होते हैं, जहाँ रिक्शे कटिया डाल कर चार्ज भी किये जाते हैं।

सूत्र का कहना है कि कथित आदर्शवादी नेता ने गरीबों को यह आश्वासन दे रखा है कि एक वर्ष के बाद वह किराया लेना बंद कर देगा और वे सब रिक्शों के मालिक हो जायेंगे, इस सनसनीखेज फर्जीवाड़े का पूरी तरह खुलासा होने के लिए ई-रिक्शों की स्थलीय जांच होना अति आवश्यक है, क्योंकि सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी अगर, पूरी तरह सत्य हुई, तो यह 21वीं सदी में गुलामी कराने का एक नया तरीका भी सिद्ध होगा। सूत्र का कहना है कि विधान सभा चुनाव में लाभ लेने के लिए कथित आदर्शवादी नेता ने यह बड़ी चाल चली है। गुलाम के रूप में रिक्शा वालों के परिवार न सिर्फ वोट देने को मजबूर होंगे, बल्कि प्रत्येक रिक्शे पर वे कथित आदर्शवादी नेता का झंडा और बैनर लगा कर जोर-शोर से प्रचार-प्रसार भी करेंगे। चुनाव से पूर्व ही प्रशासन को ई-रिक्शों का स्थलीय सत्यापन करा कर गरीबों को गुलामी से मुक्त कराना होगा, वरना कथित आदर्शवादी नेता की दबंगई के चलते आने वाला विधान सभा चुनाव प्रभावित होगा।

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