मथुरिया द्वार पर लगे उद्घाटन के दो पत्थर, कर्मचारी को पड़ा हार्ट अटैक

मथुरिया द्वार पर लगे उद्घाटन के दो पत्थर, कर्मचारी को पड़ा हार्ट अटैक
पालिका द्वारा पूर्व में किये गये प्रस्ताव की प्रति एवं मौके पर लगा पत्थर।

बदायूं नगर पालिका परिषद के बारे में कहा जा रहा था कि प्रशासक नियुक्त होने से राजनैतिक दखल समाप्त हो जायेगा, तो शहर के हालात सुधर जायेंगे, लेकिन लापरवाह प्रशासक नियुक्त होने से शहर के हालात और भी बदतर हो गये हैं। पालिका के कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है, जिससे जनता बेहाल है। प्रशासक के गलत निर्णयों से पालिका राजनीति का अखाड़ा भी बन सकती है, जिसका सीधा दुष्प्रभाव जनता पर ही पड़ेगा।

शुक्रवार को प्रशासक निशा मिश्रा द्वारा एक द्वार का उद्घाटन कराया गया, इस द्वार का नाम स्वर्गीय पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश मथुरिया के नाम पर रख दिया गया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इस द्वार का निर्माण पालिकाध्यक्ष फात्मा रजा के कार्यकाल में राज्य वित्त आयोग की धनराशि से पालिका द्वारा कराया गया था, जिसका नाम पहले स्वर्गीय पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश मथुरिया के नाम पर ही रखा गया था। फात्मा रजा के कार्यकाल में ही सपा विधायक के रूप में आबिद रजा ने द्वार का उदघाटन किया था, जिसका पत्थर भी लगवाया गया था, लेकिन मंडलायुक्त से संस्तुति न मिल पाने के कारण द्वार का नाम बदल कर बदायूं द्वार कर दिया गया था, इसी द्वार का निशा मिश्रा ने शुक्रवार को पुनः नामकरण कर दिया और सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता से पुनः उद्घाटन करा दिया। अब मौके पर दोनों पत्थर लगे हुए हैं, जो फजीहत का कारण बने हुए हैं।

असलियत में प्रशासक निशा मिश्रा बरेली में रहती हैं, वे कभी-कभार बदायूं आती हैं, उनकी अनुपस्थिति में रजनीश शर्मा और उपेन्द्र उपाध्याय नाम के बाबू पालिका के अघोषित मालिक बन गये हैं, इन दोनों के हावी होने से भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। शहर में गंदगी और अतिक्रमण के चलते हाहाकार मचा हुआ है, साथ ही संविदा कर्मियों का भी खुलेआम शोषण किया जा रहा है। भारत कंस्ट्रकशन को नकद पेमेंट दिया जा रहा है, जो सफाई कर्मियों को कम रूपये देता है और हस्ताक्षर पूरे वेतन पर कराता है। सफाई कर्मियों को चैक से पेमेंट दिया जाये, तो शोषण नहीं होगा, यही सब करते रहने के लिए निशा मिश्रा ने भाजपा नेताओं की परिक्रमा शुरू कर दी है, तभी नियम के विरुद्ध द्वार का उद्घाटन करा दिया। बताया जा रहा है कि पालिका कार्यालय के हालात बेहद खराब होने के कारण आज ड्राफ्टमेन शरीफ को दिल का दौरा भी पड़ गया। हालाँकि शरीफ से अभी बात नहीं हो सकी है। स्वस्थ होने के बाद ही पता चल सकेगा कि शरीफ पर क्या दबाव था।

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पढ़ें: प्रशासक ने द्वार का पुनः उदघाटन करा कर विधायक की फजीहत कराई

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