समाजवादी पार्टी के गढ़ में मुख्यमंत्री के आने की संभावनाओं से चढ़ गया राजनैतिक पारा

समाजवादी पार्टी के गढ़ में मुख्यमंत्री के आने की संभावनाओं से चढ़ गया राजनैतिक पारा

बदायूं जिले को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है लेकिन, हाल-फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बना हुआ है। जिले में एक मात्र विधान सभा क्षेत्र सहसवान पर आज भी समाजवादी पार्टी का कब्जा है, यहाँ से पूर्व राज्यमंत्री ओमकार सिंह यादव विधायक हैं, इसीलिए भारतीय जनता पार्टी सहसवान क्षेत्र पर भी कब्जा करने के प्रयास में जुट गई है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने समाजवादी पार्टी के गढ़ में आने का कार्यक्रम लगा दिया है, जिसको लेकर पुलिस-प्रशासन युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रहा है।

जिले में बदायूं सदर के अलावा बिसौली, शेखूपुर, दातागंज, बिल्सी और सहसवान विधान क्षेत्र हैं, इन छः क्षेत्रों में से पांच पर भाजपा का कब्जा है। सहसवान विधान सभा क्षेत्र पर समाजवादी पार्टी के ओमकार सिंह यादव विधायक हैं, इस क्षेत्र पर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की भी दृष्टि जमी हुई है, वह इस क्षेत्र को भी फतेह करने में जुट गया है, इसी के चलते मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का कार्यक्रम सहसवान में आने का बना है, वे संभवतः 9 नवंबर को आयेंगे। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर पुलिस-प्रशासन युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है, इसीलिए दीपोत्सव की छुट्टियों को डीएम द्वारा निरस्त कर दिया गया।

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए ने पिछले विधान सभा चुनाव में प्रदेश में 325 क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की थी। भारतीय जनता पार्टी ने संभवतः अपना और बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है तभी, वह विपक्ष के गढ़ों पर भी कब्जा करने के प्रयास कर रही है। सहसवान क्षेत्र की बात करें तो, वर्तमान विधायक और पूर्व राज्यमंत्री ओमकार सिंह यादव बेहद मजबूत माने जाते रहे हैं। हालाँकि उन्हें डीपी यादव ने शिकस्त दी थी पर, जीत का अंतर बेहद मामूली था। अब क्षेत्र की कमान ओमकार सिंह यादव के बेटे और डीसीबी के पूर्व चेयरमैन ब्रजेश यादव संभाल रहे हैं।

ब्रजेश यादव प्रति दिन दर्जनों गांवों में लगातार जाते रहे हैं। चुनाव के बाद भी ब्रजेश यादव क्षेत्र में ऐसे भ्रमण करते हैं, जैसे अभी पुनः चुनाव होने वाले हैं, जिसको लेकर उनकी न सिर्फ सहसवान क्षेत्र में बल्कि, जिले भर प्रशंसा की जाती है, वे सभी जातियों में और खास कर युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय माने जाते हैं। माना जाता है कि ब्रजेश यादव को मात दे पाना बेहद कठिन कार्य है।

खैर, मुख्यमंत्री आ रहे हैं तो, उनकी अपनी कोई रणनीति होगी। भाजपा ने भी इस मजबूत गढ़ पर भगवा फहराने की योजना बनाई होगी। प्रत्याशी और रणनीति को लेकर तो अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, परिणाम के बारे में भी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता पर, इतना तय है कि मुख्यमंत्री के आने के कार्यक्रम से ही राजनैतिक पारा बहुत ऊपर चला गया है।

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