पुलिस की लापरवाही से दो गांवों के बीच हुए जातीय संघर्ष में गई भाजपा नेता की जान

पुलिस की लापरवाही से दो गांवों के बीच हुए जातीय संघर्ष में गई भाजपा नेता की जान

बदायूं जिले की पुलिस की घोर लापरवाही से दो गाँवों के बीच जातीय संघर्ष हो गया। पहली झड़प के बाद पुलिस ने सटीक कार्रवाई नहीं की, जिससे दबंगों ने मंगलवार को तांडव कर दिया। दबंगों ने भाजपा अनुसूचित मोर्चा के मंडल अध्यक्ष केपी सागर की हत्या कर दी, जिससे भाजपाई बेहद आक्रोशित नजर आ रहे हैं लेकिन, पुलिस ने अभी तक कठोर कार्रवाई नहीं की है।

सनसनीखेज प्रकरण उसावां थाना क्षेत्र का है। बताते हैं कि तीन दिन पहले बुधुआ नगला के यादव जाति के तमाम युवा गाँव बमनपुरा में क्रिकेट खेलने गये थे। बमनपुरा के अनुसूचित जाति के युवाओं ने क्रिकेट खेलने से मना कर दिया, इस बात से बुधुआ नगला के युवा चिढ़ गये, इस बात पर तीखी नोंक-झोंक के साथ हाथापाई भी हुई थी। दोनों पक्ष के कई लोग घायल हुए थे।

विवाद के बाद दोनों पक्षों के घायल थाने गये और दोनों ने ही एक-दूसरे के विरुद्ध तहरीर दी थी लेकिन, पुलिस ने सिर्फ बुधुआ नगला के लोगों की एनसीआर दर्ज की थी और कोई कार्रवाई भी नहीं की थी। पुलिस की लापरवाही से बुधुआ नगला के लोगों का मनोबल बढ़ गया, जिससे वे बमनपुरा के लोगों को घेर कर पीटने लगे। मंगलवार को अनिल सहित कई लोगों को पीटा गया, इस बीच भाजपा अनुसूचित मोर्चा के मंडल अध्यक्ष केपी सागर फंस गये, उन्हें पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया गया।

जातीय संघर्ष में भाजपा नेता की हत्या होने के बाद हड़कंप मच गया। भाजपाइयों का भी खून खौल उठा। आनन-फानन में पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस पर राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता, विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू भैया” विधायक धर्मेन्द्र शाक्य “पप्पू भैया” सहित पार्टी के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी पहुंच गये और अफसरों से त्वरित कड़ी कार्रवाई करने को कहा। गाँव में तनाव बताया जा रहा है। पुलिस ने अभी तक घटना के संबंध में कुछ नहीं कहा है।

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