मंडलायुक्त ने अवैध कब्जा मिलने पर लेखपाल को निलंबित करने को कहा, सुमित को क्यों हटाया?

मंडलायुक्त ने अवैध कब्जा मिलने पर लेखपाल को निलंबित करने को कहा, सुमित को क्यों हटाया?

बदायूं दौरे के दूसरे दिन मंडलायुक्त व नोडल अधिकारी रणवीर प्रसाद ने निर्देश दिए हैं कि उपरैला ग्राम सभा में पांच चरागाह हैं, जिन पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा न हो, उप-जिलाधिकारी मौके पर जाकर निरीक्षण करें, यदि अवैध कब्जा हो तो, लेखपाल कुलदीप कुमार का वेतन रोकते हुए निलंबन की कार्रवाई की जाए। उन्होंने गांव में विकास कार्याें का भी स्थलीय निरीक्षण किया। निर्देश दिए कि नए बारातघर की ओर सड़क डलवायें एवं साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाए, साथ ही पुराने बारातघर से अतिक्रमण हटवाकर मरम्मत कार्य कराई जाए। उन्होंने ग्रामीणों से खाद्यान वितरण के सम्बंध में जानकारी ली एवं एनआरएलएम के समूहों के बारे में, समूहों के द्वारा बंटने वाले ड्राई राशन के बारे में जानकारी ली, साथ ही स्कूली बच्चों को बैग भी वितरित किए।

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गुरुवार को मंडलायुक्त रणवीर सिंह ने जिलाधिकारी कुमार प्रशांत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत के साथ विकास खंड जगत के अन्तर्गत गाँव उपरैला में चौपाल लगाकर खुली बैठक की एवं विकास कार्याें का सत्यापन किया। ग्रामीणों की सुमस्याएं सुनकर उनको निस्तारित कराया, कुछ शिकायतकर्ताओं की शिकायतों पर सम्बंधित अधिकारियों को मौके पर भेजकर निस्तारण कराया।

उन्होंने ग्रामीणों से शौचालय का प्रयोग करने की अपील की एवं खुले में शौच करने से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यूं तो खुले में शौच से हर कोई खुद को असहज महसूस करता ही है लेकिन, इस मामले में घर की महिलाओं और बच्चियों को अपेक्षाकृत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें हमेशा अनहोनी का डर सताता रहता है। यौन प्रताड़ना की घटनाओं में खुले में शौच जाना ही प्रमुख कारण बनकर उभरा है, ऐसे में डर होना स्वभाविक है। दूसरी तरफ, खुले में शौच के कारण ही दर्जनों संक्रामक बीमारियाँ प्रभावित करती हैं। लेकिन यह सुकूनदेय है कि अब महिलाएँ खुद जागरूक होकर अपने मायके या ससुराल में शौचालय निर्माण की आवाज को बुलन्द कर रही हैं। ऐसी महिलाओं की बहादुरी तारीफ के काबिल है। इसलिए कोई भी खुले में शौच न करे और शौचालय का ही प्रयोग करें।

विद्यालय के ऊपर से जाने वाली विद्युत लाइन को लेकर विद्युत विभाग को शिफ्ट कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्रामीणों से बिजली की उपलब्धता के सम्बंध में जाना, तो ग्रामीणों ने उन्हें अवगत कराया कि लगभग 17 घंटे उन्हें बिजली मिल रही है। उन्होंने प्रसव केन्द्र में साधारण प्रसव कराने एवं आम समस्याओं का उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्रामीणों से वृद्धा, विधवा एवं दिव्यांगजन पेेंशन मिलने के बारे में जाना एवं पात्रों को इससे सम्बंधित जानकारी भी दी। उन्होंने पशु विभाग को पशुओं की इयर टैगिंग कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो पशु स्वामी अपने पशुओं के इयरटैगिंग नहीं कराएंगे, वह न तो पशुओं को बेच सकेंगे और फिर बाद में टीकाकरण निःशुल्क भी नहीं किया जाएगा।

गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में मंडलायुक्त ने जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ जनपद में कानून व्यवस्था, 50 लाख रुपए से अधिक लागत की परियोजनाओं एवं पंचायत चुनाव की तैयारी की समीक्षा बैठक आयोजित की। उन्होंने निर्देश दिए कि एसडीएम एवं सीओ गांवों में अवैध शराब को बनने से रोका जाए, अवैध शराब बनाने वाले लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। खुराफाती तत्वों पर मुचलका पाबंद किए जाएं। एडीएम और एसडीएम थानों का नियमित निरीक्षण करते रहें। 259 लंबित चरित्र प्रमाण पत्र देखकर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि प्रमाण पत्रों को बनाने की गति तेज की जाए।

गंगा एक्सप्रेस वे के अन्तर्गत बैनामों की कार्यवाही शुरू की जाए। अवकाश के दिनों में भी बैनामे कराए जाएं, साथ ही बैनामों की फोटो एवं वीडियोग्राफी कराई जाए। एसडीएम सुनिश्चित करें कि अपने-अपने क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालयों एवं पंचायत भवनों के निर्माण कार्य समय से पूर्ण हों। इसका निरीक्षण करते रहें। समस्त प्रकार के निर्माण कार्य समयबद्ध, गुणवत्तापूर्वक एवं मानक अनुसार ही होने चाहिए। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र समरेर में कार्य गुणवत्तापूर्वक व मानक अनुसार न होने पर सम्बंधित से 45 लाख रुपए की धनराशि की वसूली करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद में अच्छा कार्य करने वाली संस्थाओं को सम्मानित किया जाएं। सम्बंधित विभाग निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद बिल्डिंग को जल्द प्राप्त करें, बिलंव न करें। उन्होंने बिजली विभाग को निर्देश दिए कि पोल एवं बाॅक्स को गति तेज कर जल्द से जल्द शिफ्ट किया जाए। जर्जर विद्युत लाइनों को बदलवाने में भी देरी न करें।

यह भी बता दें कि अवैध कब्जा पाये जाने पर मंडलायुक्त लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दे रहे हैं लेकिन, सहसवान में भू-माफिया के विरुद्ध कार्रवाई करने वाले लेखपाल सुमित कुमार सिंह का तबादला दातागंज तहसील में कर दिया गया है, इससे भू-माफिया के हौसले बुलंद बताये जा रहे हैं, साथ ही मुकदमा दर्ज होने के बावजूद सब-इंस्पेक्टर अशोक कुमार भू-माफिया के विरुद्ध कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।

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