राजस्व विभाग ने जमशेद को घोषित किया भू-माफिया, सब-इंस्पेक्टर मानने को तैयार नहीं

राजस्व विभाग ने जमशेद को घोषित किया भू-माफिया, सब-इंस्पेक्टर मानने को तैयार नहीं

बदायूं जिले के कस्बा सहसवान में भ्रष्टाचार और लापरवाही के नित नये रिकॉर्ड बन जाते हैं। डीएम कुमार प्रशांत के आदेश पर राजस्व विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटवा दिया था, साथ ही कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने के बाद माफियाओं को एंटी भू-माफिया पोर्टल पर भी दर्ज कर दिया लेकिन, पुलिस माफिया को माफिया मानने को तैयार नहीं है।

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उल्लेखनीय है कि कस्बा सहसवान लंबे समय से अनैतिक और आपराधिक कार्यों के लिए चर्चाओं में बना हुआ है। अति होने पर डीएम और एसएसपी द्वारा अधिकारी बदल दिए जाते हैं लेकिन, नये अफसर भी माफियाओं और अपराधियों के तलवे चाटने लगते हैं। पिछले दिनों एसएसपी संकल्प शर्मा ने पंकज लवानिया को कोतवाली का प्रभारी बनाया तो, लगा कि अब हालात सुधर जायेंगे। पंकज लवानिया ने भी कोतवाली के गेट पर व अंदर फ्लैक्स लगवा दिए कि कोतवाली में दलालों का प्रवेश वर्जित है पर, अभी भी सब-इंस्पेक्टर माफियाओं  के पाले में ही खड़े नजर आ रहे हैं।

हुआ यह कि 5 जनवरी को संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम कुमार प्रशांत से शिकायत की गई कि जमशेद गुड्डू पुत्र खलीक अहमद द्वारा सरकारी जमीन कब्जा कर तालाब बना लिया गया है, जिसमें मछली पालन किया जा रहा है, इस पर डीएम ने तत्काल मौके पर टीम भेजने का आदेश दे दिया। क्षेत्र के लेखपाल सुमित कुमार सिंह ने डीएम का आदेश मिलते ही मौके पर जाकर जमीन को नापा तो, सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा पाया गया। अवैध कब्जा हटवाने के बाद जमशेद गुड्डू व अन्य के विरुद्ध कोतवाली में एफआईआर करा दी गई। सरकारी जमीन कब्जाने वालों के नाम एंटी भू-माफिया पोर्टल पर भी दर्ज कर दिए हैं।

उधर एक शिकायत की जाँच करते हुए सब-इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने आख्या में लिखा है कि जमशेद गुड्डू के नाम पर कोई जमीन नहीं है। अब सवाल उठता है कि सरकारी जमीन कब्जाने से पहले बैनामा कौन कराता है और अगर, बैनामा होगा तो, अवैध कब्जा कैसे कहा जायेगा? सवाल यह भी है कि 5 जनवरी को राजस्व विभाग की टीम नाप-जोख करते समय फोटो-वीडियो भी बना रही थी, उस समय वहां जमशेद गुड्डू मौजूद क्यों था, उस दिन के फोटो-वीडियो में जमशेद गुड्डू दिखाई क्यों दे रहा है? स्पष्ट है कि सब-इंस्पेक्टर अशोक कुमार जमशेद गुड्डू के दबाव में हैं, इस प्रकरण का वरिष्ठ अफसरों को संज्ञान लेना चाहिए और सब-इंस्पेक्टर अशोक कुमार के विरुद्ध कार्रवाई करना चाहिए। यह भी बता दें कि लेखपाल सुमित कुमार सिंह का तबादला दातागंज तहसील के लिए कर दिया गया है, जिससे चर्चा यही है कि भू-माफिया जमशेद गुड्डू पर कार्रवाई करने के चलते तबादला किया गया है। अगर, चर्चा सच है तो, माफियाओं का दबाव बढ़ना स्वभाविक ही है, वहीं कर्मचारियों का मनोबल गिरना भी तय है।

जमशेद गुड्डू की समाजवादी पार्टी में मजबूत पकड़ बताई जाती है। हालांकि जमशेद गुड्डू और इसके पिता खलीक अहमद सभासद का चुनाव हार गये थे लेकिन, मजबूत पकड़ के चलते धर्मेन्द्र यादव ने सपा सरकार में जमशेद गुड्डू को नगर पालिका परिषद में अपना प्रतिनिधि बना दिया था। जमशेद गुड्डू के पिता खलीक अहमद को हाल ही में समाजवादी पार्टी का जिला सचिव बनाया गया है। लगता है कि पुलिस-प्रशासन जमशेद गुड्डू के दबाव में है तभी, जमशेद गुड्डू पर शिकंजा कसने की जगह लेखपाल सुमित कुमार सिंह को हटा दिया एवं सब-इंस्पेक्टर अशोक कुमार खुल कर जमशेद गुड्डू के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। हालात सही करने को डीएम कुमार प्रशांत और एसएसपी संकल्प शर्मा को सहसवान पर कुछ दिनों तक सीधी नजर रखना होगी।

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