ब्लॉक प्रमुख के भ्रष्ट व षड्यंत्रकारी पति को बचा रही है पुलिस

ब्लॉक प्रमुख के भ्रष्ट व षड्यंत्रकारी पति को बचा रही है पुलिस
 अरविंद वार्ष्णेय
अरविंद वार्ष्णेय

बदायूं जिले की पुलिस माफियाओं, गुंडों और भ्रष्टाचारियों के अधीन नजर आ रही है वजीरगंज ब्लॉक प्रमुख के कुख्यात पति के मुकदमों में कार्रवाई करने की जगह पुलिस सत्ता पक्ष के एक नेता के दबाव में अभियुक्त को बचाने का प्रयास करती नजर आ रही है

उल्लेखनीय है कि जिले के कब्रिस्तानों की बाउंड्रीवाल निर्माण को शासन से करीब 10 करोड़ रुपये मिले थे। निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा, जिसकी नगर विकास मंत्री आजम खां से शिकायत हुई। उच्चस्तरीय टीम की जांच में शिकायत सही पाई गई, तो परियोजना प्रबंधक ए.के. सिंह द्वारा सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। मुकदमे में मै. नीना ट्रेडर्स वजीरगंज का भी उल्लेख है, जिसका संचालक अरविंद वार्ष्णेय नाम का व्यक्ति है

वजीरगंज थाना क्षेत्र के गाँव सुरसेना निवासी अहसान अली की ओर से थाना वजीरगंज में अरविंद वार्ष्णेय के विरुद्ध एक मुकदमा दर्ज कराया गया है, जिसमें आरोप है कि सुरेश कस्बा वजीरगंज के मोहल्ला गोपालपुर का मूल निवासी है और अरविंद गुप्ता की गाड़ियाँ चलाता है गाँव का प्रधान पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ, तो अरविंद गुप्ता ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने ड्राइवर का वोट मतदाता सूची में बढ़वा लिया, साथ ही पड़ोसी गाँव हथरा की मतदाता सूची में भी सुरेश का नाम दर्ज करा दिया गया

उक्त मुकदमों में पुलिस कार्रवाई करने को तैयार नजर नहीं आ रही कब्रिस्तानों की बाउंड्रीवाल बनाने में हुई धांधली की जाँच सदर कोतवाल कर रहे हैं, लेकिन कई महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक पहला पर्चा तक नहीं काटा गया है, इससे स्पष्ट है कि पुलिस साक्ष्य जुटाने को लेकर गंभीर नहीं है

दूसरे मुकदमे में वजीरगंज के एसओ नरेश कश्यप का स्पष्ट कहना है कि अरविंद वार्ष्णेय के पक्ष में फाइनल रिपोर्ट लगाई जायेगी, जबकि कागजी साक्ष्य अरविंद वार्ष्णेय के विरुद्ध हैं सूत्रों का कहना है कि अरविंद वार्ष्णेय के सत्ता पक्ष के एक नेता से गहरे संबंध हैं, जिसके दबाव में पुलिस ने अरविंद वार्ष्णेय को बचाने के लिए कानून उठा कर ताक में रख दिया है। जिले में इस समय तेजतर्रार सुनील कुमार सक्सेना एसएसपी हैं, लेकिन अरविंद वार्ष्णेय को शह देने वाले पुलिस कर्मी एसएसपी से भी नहीं डर रहे। चौंकाने वाली बात यह भी है कि विवेचना शुरू न करने वाले कोतवाल को एसएसपी ने भी अभी तक निशाने पर नहीं लिया है। 

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