राजनीति के पारे को नीचे नहीं आने दे रहे पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा

राजनीति के पारे को नीचे नहीं आने दे रहे पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा

बदायूं लोकसभा क्षेत्र की राजनीति का पारा पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा नीचे नहीं आने दे रहे हैं। रविवार को अचानक ठंड बढ़ गई लेकिन, आबिद रजा ने बिसौली विधान सभा क्षेत्र के बीडीसी और प्रधानों के साथ बैठक कर न सिर्फ रणनीति बनाई बल्कि, स्वाभिमान के लिए राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने का आह्वान किया।

आबिद रजा ने बैठक में कहा कि 2019 का लोकसभा का चुनाव नजदीक है, इस चुनाव में फासिस्ट ताकतों को हराना है। सेकुलर ताकतों को मजबूत करना है। आज देश में किसान, मजदूर, मजलूम और मुसलमान परेशान है, उनके साथ ना-इंसाफी हो रही है। हम सबको मिलकर मोदी सरकार को हटाना है, क्योंकि मोदी सरकार खरा नहीं उतरी है। हाल ही में हुए चुनाव राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में जनता ने यह साबित कर दिया है कि देश मे अब भी सेकुलरिज्म मजबूत है।

उन्होंने कहा कि हम जब-जब मुसलमानों के हक की आवाज उठाते हैं तभी, हमको कमजोर करने की साजिश की जाती है। हमें मुसलमान होने की सजा मिलती है। प्रधान, बीडीसी, सभासदों से कहा आप सब अपने इलाके के नेता हो, हम आपको अपने-अपने इलाके की जिम्मेदारी देते हैं कि आप सब अपने इलाके में सेकुलर हिंदू भाइयों से दोस्ती करके फासिस्ट ताकतों को हराओ। मुसलमानों ने इस देश में 900 साल हुकूमत की है। हमें अफसोस होता है कि जब हम हुकूमत करने वाली कौम के नौजवानों को मजदूरी करते हुए देखते हैं। इस सबके जिम्मेदार कहीं न कहीं हमारे मुसलमान नेता भी हैं, जो हमारी कौम की आवाज पार्टी फोरम पर या, सीनियर नेताओं के सामने मजबूती से नहीं रखते हैं। अगर, जिले में कोई मुसलमान नेता हमारी कौम की आवाज उठाने को तैयार है तो, आबिद रजा उनके पीछे खड़े होने को तैयार है लेकिन, अफसोस कोई दूसरा कौम की आवाज मजबूती से रखने को तैयार नहीं है, जब हम उनकी आवाज मजबूती से उठाते हैं तो, हमारी टांग खींचने को तैयार रहते हैं। सिर्फ ठेकेदार और पदाधिकारी मुसलमान हमारी कौम को बेवकूफ बनाने के लिए अपने लालच में चुनाव में निकलते हैं, ऐसे लोगों से सावधान रहना है।

उन्होंने कहा कि 1980 के बाद 40 साल से बदायूं लोकसभा क्षेत्र में पैराशूट से प्रत्याशी उतारे जाते हैं और हम परदेसियों को 40 साल से जिताकर दिल्ली भेजने का काम कर रहे हैं, यह बदायूं की जनता की तौहीन है। कुछ सालों से ऐसे लोग दिल्ली पहुंच रहे हैं, जो चुनाव में मंचों से भाजपा के खिलाफ बोलते हैं और जीतने के बाद फासिस्ट ताकतों से दोस्ती करके उनसे हाथ मिला लेते हैं, ऐसे लोग सेकुलर हिन्दुओं और मुसलमानों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद कभी गंगा काटकर हिंदू धर्म की आस्था को नुकसान पहुंचाते हैं, कभी मुसलमानों को अपनी मौजूदगी में गालियां दिलवाते हैं, गुस्ताख-ए-रसूल की मदद करके मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं, हमें फासिस्ट ताकतों के साथ-साथ ऐसे लोगों से भी बदायूं से मुक्ति दिलानी है, इसलिए 2019 का लोकसभा चुनाव सेकुलर बनाम फासिस्ट ताकतें व देसी बनाम परदेसी होगा, इसके लिए हमें आप सबका साथ चाहिए, खासतौर से सेकुलर हिंदू से दोस्ती करके सियासत में आगे बढ़ो। बैठक में आए सभी जनप्रतिनिधियों ने आबिद रजा को यह यकीन दिलाया कि वे उनके साथ हैं ।

बैठक में गजनवी प्रधान, जाफर अली प्रधान, नसीर खान प्रधान, नुसरत प्रधान, यासीन प्रधान, सलीम प्रधान, तहजीब बाबू प्रधान पुत्र, जमीर प्रधान, डॉ. शकील प्रधान, आरिफ प्रधान, तफज्जुल हसन सभासद, आदिल खान सभासद, मुनीर उद्दीन सभासद, जुबेर अली सभासद, युसूफ हुसैन सभासद, मेंराज बेगम, शफीक अहमद सभासद, मोहम्मद अनस सभासद, रईस अहमद सभासद, सरताज अहमद सभासद, इरशाद सभासद, अच्छन भाई सभासद, बाबू सभासद, जाहिद खान बीडीसी, कल्लू सलमानी बीडीसी, मोहम्मद आशिक बीडीसी, मुुकारीफ बीडीसी, नवी जान बीडीसी, मुजाहिद, मोहम्मद तसलीम रजा, वाहिद अली खां, आरिफ खान रईस, अहमद कुरैशी, तौहीद आलम, बबली, वशीर, गफूर, अब्बास, अनवार खान, आरिफ, रहमान, पारस, लल्ला खान, राशिद, नसीम, अनीस, नजाकत और यामीन सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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