दक्षिण कोरिया में सर्वाधिक प्रतिष्ठित हैं श्रीराम की वंशज राजकुमारी सुरीरत्ना

दक्षिण कोरिया में सर्वाधिक प्रतिष्ठित हैं श्रीराम की वंशज राजकुमारी सुरीरत्ना

भारत में आस्था और श्रद्धा के साथ हजारों वर्षों से दीपोत्सव हो रहा है। भगवान श्रीराम से जुड़ा होने के कारण अयोध्या भी दीपोत्सव पर सजती-संवरती रही है लेकिन, इस बार अयोध्या वैश्विक स्तर पर चर्चाओं के केंद्र में है, क्योंकि दीपोत्सव में दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग-सुक मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हो रही हैं, वे रविवार को चार दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंच चुकी हैं। अयोध्या में कोरियाई महारानी के स्मारक के भूमि पूजन समारोह में उपस्थित रहेंगी।

दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग-सुक, अयोध्या और दीपोत्सव को लेकर बहुत बड़े वर्ग के मन में सवाल उठ रहे हैं कि इस सबके बीच क्या संबंध है?, इस रहस्य को लेकर बहुत बड़े वर्ग के मन में उथल-पुथल मची हुई है कि एक दूर देश की महारानी को अयोध्या में दीपोत्सव का मुख्य अतिथि क्यों बनाया जा रहा है?

कहानी लगभग 2000 वर्ष पुरानी है। भगवान श्रीराम की ही वंशज अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना कोरिया गई थीं, जिनका विवाह महाराजा किम सुरो से हुआ था। कोरिया में मंदारिन भाषा में लिखे पौराणिक साहित्य ‘साम गुक युसा’ में उल्लिखित है कि अयोध्या के राजा के स्वप्न में स्वयं ईश्वर प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे और राजकुमारी को विवाह के लिए कोरिया के किमहये शहर भेजें, जहां सुरीरत्ना का विवाह राजा किम सुरो के साथ संपन्न होगा। 16 वर्ष की उम्र में राजकुमारी सुरीरत्ना का विवाह किमहये राजवंश के राजकुमार किम सुरो के साथ संपन्न हुआ, जिसके बाद उन्हें अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना नी हु ह्वांग ओक के नाम से जाना जाने लगा। भगवान श्रीराम की वंशज और अयोध्या की राजकुमारी होने के चलते सुरीरत्ना दक्षिण कोरिया में आज भी सर्वाधिक प्रतिष्ठित हैं।

किमहये राजवंश के नाम पर ही वर्तमान कोरिया का नामकरण हुआ है। राजकुमारी समुद्र के रास्ते से दक्षिण कोरिया स्थित कारक राज्य पहुंची थीं, नाव का संतुलन बनाने के लिए वे अयोध्या से एक पत्थर रख कर ले गईं थी, उस पत्थर के प्रति वहां लोग आज भी बेहद आस्था रखते हैं और उसे सरकार सहेज कर रखे हुए है। किमहये शहर में राजकुमारी की प्रतिमा भी है। कोरिया में कारक गोत्र के करीब 60 लाख लोग स्वयं को अयोध्या की राजकुमारी का वंशज बताते हैं। कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति किम देई जुंग और पूर्व प्रधानमंत्री हियो जियोंग और जोंग पिल किम कारक वंश से ही संबंध रखते थे। कोरिया से कारक वंश के लोगों का एक समूह प्रति वर्ष राजकुमारी सुरीरत्ना की मातृभूमि अयोध्या में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने आज भी आता है और इस बार दीपोत्सव में भाग लेने निमंत्रण पर स्वयं दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग-सुक आ रही हैं।

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