टैंपो से उतार कर दिनदहाड़े गोली मारने की घटना को दबा गई पुलिस

टैंपो से उतार कर दिनदहाड़े गोली मारने की घटना को दबा गई पुलिस

बदायूं जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चन्द्रप्रकाश न सिर्फ तेजतर्रार हैं, बल्कि दोषी पुलिस कर्मियों के साथ भी अपराधियों की तरह ही पेश आते हैं, वे प्रकरण संज्ञान में आने पर दंडित किये बिना पुलिस कर्मियों को भी छोड़ते नहीं, क्योंकि रक्षा का महत्वपूर्ण दायित्व निभाने वाले भक्षक की भूमिका में आ जाते हैं, तो बहुत बड़ी घटना होती है। एसएसपी की कार्यप्रणाली से अब हर कोई परिचित है, इसके बावजूद कुछेक पुलिस कर्मी अभी भी सुधरने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। एक युवक को दिनदहाड़े टैंपो से खींच कर गोली मारी गई थी, लेकिन पुलिस उसका मुकदमा दर्ज करने को तैयार नहीं है। घायल युवक पत्नी और मासूम बच्चे के साथ न्याय पाने के लिए लगातार भटक रहा है।

पुलिस विभाग को शर्मसार कर देने वाली घटना मुजरिया थाना क्षेत्र की है। उझानी कोतवाली क्षेत्र के गाँव चिकटिया निवासी राजेन्द्र यादव के भाई की पत्नी लगभग तीन महीने पहले 20 हजार रूपये लेकर बच्चों के साथ अपने मायके गई थी और उसने कहा था कि वह अपने पिता से भैंस खरीदवाने के बाद एक-दो दिन में लौट आयेगी, लेकिन कई दिनों तक नहीं आई, तो पता किया गया। दो बच्चों की माँ की तलाक के बिना ही मायके वालों ने दूसरी जगह शादी कर दी थी, वह 20 हजार नकदी के साथ गहने भी पहन गई थी, जिससे राजेन्द्र का परिवार और भी दुखी था। राजेन्द्र ने विरोध किया और भाभी व बच्चों को वापस दिलाने की बात कही, तो मायके वाले दुश्मनी मानने लगे।

राजेन्द्र 20 सितंबर को गाँव रफीनगर नगर स्थित अपनी बहन के घर टैंपो से जा रहा था, तभी सुबह करीब 11:30 बजे गाँव वसावन के निकट भाभी के मायके वालों ने टैंपो से उतार लिया। सड़क किनारे ले जाकर उसे गोली मार दी और फिर हमलावर चले गये। घायल राजेन्द्र को देख कर राहगीरों में से किसी ने यूपी- 100 को फोन कर दिया, तो पुलिस ने मौके पर आकर घायल राजेन्द्र को उठाया और फिर अस्पताल पहुंचा दिया, जहाँ से उसे जिला अस्पताल और फिर बरेली रेफर कर दिया गया। एक महीने से अधिक समय तक उसका उपचार चला, वह अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं है, लेकिन चलने लायक हुआ, तो तहरीर देने थाने पहुंचा, पर सब-इंस्पेक्टर ने उसे उल्टा हड़का दिया एवं एसओ ने भी मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया। पीड़ित ने बताया कि नामजदों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था,लेकिन चार दिन हवालात में रखने के बाद छोड़ दिया गया।

अब घायल राजेंद्र अपनी पत्नी और मासूम बच्चे के साथ लगातार थाने और अफसरों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसकी कोई सुनने तक को तैयार नहीं है। दिनदहाड़े गोली मारने जैसी घटना में भी पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने को तैयार नहीं है। पीड़ित ने डीजीपी और मुख्यमंत्री से मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई है।

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