सलीम शेरवानी ईमानदारी की राजनीति करते हैं तो, बेईमानी की राजनीति कौन करता है?

सलीम शेरवानी ईमानदारी की राजनीति करते हैं तो, बेईमानी की राजनीति कौन करता है?

बदायूं लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलीम इकबाल शेरवानी ने मंगलवार की दोपहर में अखिलेश यादव के समक्ष लखनऊ में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली, इस दौरान बदायूं सदर के पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री आबिद रजा के भी सपा में शामिल होने की चर्चा थी। कहा जा रहा है कि आबिद रजा ने सांसद आजम खान और उनके परिवार के जेल में होने के कारण समाजवादी पार्टी की सदस्यता नहीं ली।

खैर, लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय में सलीम इकबाल शेरवानी ने पत्रकारों को संबोधित किया, इस दौरान उन्होंने बहुत अच्छी बातें कहीं। उनकी बात का सार यह था कि देश को नहीं टूटने देंगे, प्रेम फैलायेंगे, हिंदू-मुस्लिम से पहले लोग स्वयं को हिन्दुस्तानी कहें, साथ ही उन्होंने देश को मजबूत करने के लिए समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है, वे अच्छे वक्ता माने जाते हैं, सो उनकी बातें सदैव पसंद की जाती रही हैं, उनकी बातें आज भी पसंद ही आना थीं लेकिन, उनके भाषण के बाद बदायूं में कई तरह की चर्चायें शुरू हो गईं।

लोकसभा चुनाव के दौरान सलीम इकबाल शेरवानी ने अपने चुनाव कार्यालय पर पत्रकारों से वार्ता की थी, इस दौरान उन्होंने बदायूं लोकसभा क्षेत्र में हुए अभूत पूर्व विकास कार्यों पर कहा था कि मेरा भाई भी मुख्यमंत्री होता, मेरे चाचा भी मुख्यमंत्री होते तो, मैं भी बगैर कमीशन लिए ज्यादा विकास कराता, मैं न रेते का ठेका करता, मैंने हमेशा ईमानदारी की राजनीति की है, इस पर लोग सवाल करते नजर आ रहे हैं कि बेईमानी की राजनीति कौन करता है?

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