आयकर विभाग की टीम के कब्जे में हैं हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स के शोरूम और आवास

आयकर विभाग की टीम के कब्जे में हैं हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स के शोरूम और आवास

लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद और बदायूं में स्थित हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स के शोरूमों और आवासों पर आयकर विभाग की सतर्कता टीम की छापामार कार्रवाई मंगलवार देर रात तक भी जारी है। माना जा रहा है कि टीम को टैक्स चोरी का बड़ा घपला मिला है, जिससे टीम और भी गहनता से जाँच कर रही है। मंगलवार सुबह अफसरों की संख्या और बढ़ गई। जांच बुधवार को भी जारी रह सकती है।

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सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग की सतर्कता टीम ने हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स के सभी शोरूमों और उनके मालिकों के आवासों को रविवार रात में ही अपने कब्जे में ले लिया था। सोमवार की सुबह से स्टॉक, बिल और कागजातों की जांच पड़ताल शुरू की गई। सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग की टीम ने जांच पड़ताल शुरू की तो, टीम भी स्तब्ध रह गई, उनकी प्राथमिक जानकारी से कहीं अधिक बड़ा मामला निकला। टीम द्वारा वरिष्ठ अफसरों को अवगत कराया गया तो, टीम की सहायता के लिए मंगलवार सुबह और भी कई अफसर आ गये।

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टीम ने सभी ब्रांचों के मालिक, परिजनों और नौकरों को कब्जे में ले रखा है, उन्हें न कहीं जाने दिया जा रहा है, न किसी से मिलने की अनुमति दी जा रही है और न ही वे किसी से फोन पर बात कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि टीम ने कई बोरी रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। मुरादाबाद में टीम के साथ पुलिस की आई कार्ड दिखाने को लेकर नोंक-झोंक भी हुई थी, वहीं बदायूं में मंगलवार को पुलिस के साथ पीएसी भी तैनात कर दी गई। सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग की टीम की जांच पड़ताल बुधवार को भी जारी रह सकती है।

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सोमवार को बदायूं का सर्राफा बाजार बंद रहा था लेकिन, मंगलवार को अधिकांश शोरूम खुल गये। हालाँकि ज्वैलर्स की नजरें एचएस ज्वैलर्स के यहाँ हो रही कार्रवाई पर ही जमी रहीं, इनके यहाँ आयकर विभाग द्वारा पहली बार कार्रवाई नहीं की गई है। एचएस ज्वैलर्स टैक्स चोरी को लेकर पहले से ही कुख्यात बताये जाते हैं, एक दशक पहले भी आयकर विभाग छापामार कार्रवाई कर चुका है लेकिन, टैक्स चोरी करने में एचएस ज्वैलर्स के मालिक इतने सहज हो चुके हैं कि उन्हें नियम-कानूनों से अब डर नहीं लगता। आयकर विभाग को जाँच का दायरा बढ़ाना होगा। अगर, सोना-हीरा स्टॉक से ज्यादा पाया जाये तो, टीम को यह भी जाँच करना होगी कि अतिरिक्त सोना और हीरा कहां से लाया जाता है और फिर उस पर भी शिकंजा कसना होगा, साथ ही हेरा-फेरी में मुख्य भूमिका निभाने वाले सीए पर भी शिंकजा कसना होगा।

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यह भी बता दें कि कई बड़े ज्वैलर्स सोने-चाँदी और हीरे के साथ फर्जी ज्वैलरी भी बेचते हैं लेकिन, उपभोक्ताओं को हीरे की ज्वैलरी बता कर बेचते हैं, ऐसी ज्वैलरी कहीं और सोने-हीरे के भाव नहीं बिकती, जिससे फर्जीवाड़ा करने वाले ज्वैलर्स यह वादा करते हैं कि वह स्वयं 10% कम पर वापस ले लेंगे। अधिकांश उपभोक्ता वापस नहीं आते और जो उपभोलता वापस आते हैं, उन्हें 10% का नुकसान होना ही है, साथ ही ज्वैलर्स वापस नकदी नहीं देते, उतनी धनराशि में गहने खरीदने का भी दबाव बनाते हैं, जिससे ज्वैलर्स दोहरा मुनाफा लेते हैं, ऐसे ज्वैलर्स पर भी आयकर विभाग को शिंकजा कसना होगा, क्योंकि यह सब धंधा फर्जी बिल से ही किया जाता है।

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