सपाइयों में उलझे पुलिस-प्रशासन ने आम जनता को भी किया परेशान, यात्री रहे परेशान

सपाइयों में उलझे पुलिस-प्रशासन ने आम जनता को भी किया परेशान, यात्री रहे परेशान

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने पुलिस-प्रशासन की साँस फुला दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर सपा नेता और कार्यकर्ता कृषि बिलों के विरोध और किसानों के समर्थन में किसान सम्मान यात्रा निकालते उससे पहले पुलिस-प्रशासन ने सपाइयों पर शिकंजा कस दिया। पुलिस-प्रशासन ने देर रात से ही सपाइयों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। तमाम नेताओं को हाउस अरेस्ट कर दिया।

कन्नौज में किसान सम्मान यात्रा में शामिल होने जा रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की फ्लीट को रोक लिया गया, वे पैदल ही निकल पड़े तो, लखनऊ में ही उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, उन्हें ईको गार्डेन ले जाया गया। पुलिस ने उन्हें धारा- 144 का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार कर लिया। अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है।

इधर धर्मेन्द्र यादव सैफई से चकमा देकर बदायूं आ गये, उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज पर रोक लिया गया तो, वे वहीं धरने पर बैठ गये, इसके बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया और शेखूपुर स्थित चीनी मिल में बंद कर दिया, यहाँ तमाम नेता और कार्यकर्ता पहुंच गये, जिनकी पुलिस से लगातार तीखी नोंक-झोंक होती रही। धर्मेन्द्र यादव ने सरकार और पुलिस-प्रशासन की निरंकुशता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह शोषण करने से सपा कार्यकर्ताओं का मनोबल और बढ़ेगा, यहाँ पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष यादव, सुरेश पाल सिंह चौहान भी पहुंच गये, साथ ही डीएम कुमार प्रशांत और एसएसपी संकल्प शर्मा ने भी जाकर हालात देखे।

इसके अलावा पूर्व राज्यमंत्री व विधायक ओमकार सिंह यादव एवं उनके बेटे डीसीबी के पूर्व चेयरमैन ब्रजेश यादव को देर रात घर में ही कैद कर दिया गया। सपा नेता स्वाले चौधरी, चौ. नरोत्तम सिंह यादव, राजू यादव, भानु यादव, अली अल्वी, मुख्तार बाबा सहित तमाम नेताओं, पदाधिकारियों और पूर्व विधायकों को भी हिरासत में ले लिया गया।

सपा के प्रस्तावित आंदोलन के चलते पुलिस-प्रशासन ने भी कड़ी तैयारी की थी। शहर के सभी प्रवेश मार्गों को सील कर दिया गया। रोडवेज बसों को भी रोक दिया गया, जिससे यात्रियों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा, महिलाओं, बच्चों और बुजर्गों को बेहद परेशान देखा गया। कुछेक स्थानों पर पत्रकारों को भी रोका गया, जिससे पुलिस की पत्रकारों से भी नोंक-झोंक हुई।

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