जमातियों के मिलते ही सहसवान को विशिष्ट श्रेणी में क्यों नहीं रखा गया?

जमातियों के मिलते ही सहसवान को विशिष्ट श्रेणी में क्यों नहीं रखा गया?

बदायूं जिले के अधिकांश लोग कोरोना वायरस को लेकर हर नियम-कानून का पालन करने का प्रयास कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के आह्वान के साथ स्वतः खड़े हो रहे थे तो, पुलिस-प्रशासन ने भी सब कुछ आम जनता पर ही छोड़ दिया था। कोरोना जैसी माहमारी को लेकर भी पुलिस-प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा था, जिसका दुष्परिणाम सामने आ गया है। लॉक डाउन में भी हंसते हुए जीवन जी रहे लोग पुलिस-प्रशासन की लापरवाही से परेशानी में पड़ गये हैं।

गौतम संदेश ने 1 अप्रैल को खुलासा किया था कि सहसवान में तबलीगी जमात के लोग हैं। खबर पर पुलिस-प्रशासन ने छापा मार कर तबलीगी जमात के लोगों को मस्जिद से निकाल लिया था लेकिन, पुलिस-प्रशासन सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं कर रहा था। तबलीगी जमात के लोगों के साथ भी कड़ाई नहीं बरती गई, उन्हें पन्ना लाल इंटर कॉलेज और नगर पालिका परिषद के भवन में क्वारंटाइन तो कर दिया गया था लेकिन, उनसे मिलने पर रोक नहीं लगाई गई थी। भीम आर्मी के नेता ने रविवार को तबलीगी जमात के लोगों से न सिर्फ मुलाकात की थी बल्कि, उन्हें मास्क भी भेंट किये थे।

चौंकाने वाली बात तो यह है कि तबलीगी जमात के लोगों के मिलने के बावजूद सहसवान को विशिष्ट श्रेणी में नहीं रखा गया। लॉक डाउन का पालन कराने का प्रयास भी नहीं किया। पुलिस की मिलीभगत से मोहल्ला नयागंज में खुलेआम शराब बेची जा रही थी। इकबाल नाम के युवक ने भीड़ न लगाने और शराब न बेचने को कह दिया तो, उस पर दबंग माफियाओं द्वारा फायरिंग कर दी गई, जिससे वह बाल-बाल बच गया पर, कोतवाल हरेन्द्र सिंह ने तहरीर बदलवा कर सिर्फ एक युवक को ही जेल भेजा, यह सब जिला स्तरीय अफसरों की जानकारी में ही हो रहा था।

गौतम संदेश ने शुरुआत में ही यह भी खुलासा किया था कि तबलीगी जमात वालों की पुलिस का स्थानीय दलाल सेवा करता है, उनके भोजन वगैरह का इंतजाम करता है और उनके साथ घंटों बैठ कर चर्चा करता है। चूंकि दलाल स्थानीय पुलिस का चहेता है, जिससे कोतवाल हरेन्द्र सिंह कोरोना माहमारी को भूल कर तबलीगी जमात और दलाल को बचाने में जुट गये, उन्होंने एसएसपी को रिपोर्ट भेज दी कि यहाँ तबलीगी जमात के लोग नहीं हैं।

अब तबलीगी जमात का एक व्यक्ति कोरोना वायरस से ग्रस्त पाया गया है, जिससे हड़कंप मचा हुआ है लेकिन, अभी तक न कोतवाल हरेन्द्र सिंह के विरुद्ध कार्रवाई की गई है और न ही स्थानीय दलाल को हिरासत में लेकर क्वारंटाइन किया गया है। पॉजिटिव जमाती दलाल के साथ उठता-बैठता था और दलाल तमाम लोगों से मिलता रहा है, जिसकी गहनता से जांच होना आवश्यक है।

हालाँकि पॉजिटिव केस निकलने के बाद पुलिस-प्रशासन ने सहसवान में जागरूकता अभियान छेड़ दिया है। पहले एडीएम प्रशासन और एएसपी ग्रामीण पहुंच गये, उनके बाद डीएम कुमार प्रशांत और एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी भी पहुंच गये। कस्बे की मस्जिदों को बंद रखने को कह दिया गया है। मस्जिद और आस-पास के क्षेत्र को सेनिटाइज कर दिया गया है। अन्य जरूरी कदम भी उठाये जा रहे हैं लेकिन, यही सख्ती पहले से बरती गई होती तो, आम जनता परेशानी से बच सकती थी।

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