पुलिस-प्रशासन फेल, पथराव के बाद कांवड़ियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

पुलिस-प्रशासन फेल, पथराव के बाद कांवड़ियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

बदायूं का पुलिस-प्रशासन फेल हो गया। शांत जा रहे कांवड़ियों पर न सिर्फ पथराव कर दिया बल्कि, कांवड़ियों को दो किमी तक दौड़ा कर पीटा भी गया और मौके पर मौजूद थानाध्यक्ष बैठे देखते रहे। बवाल बढ़ने पर पुलिस कर्मी गये तो, भीड़ ने पुलिस को भी दौड़ा लिया। महिला पुलिस कर्मियों ने पेट्रोल पंप के कार्यालय में बंद होकर स्वयं को बचाया। भीड़ को एक नेता ने भड़काया पर, दलाल होने के कारण पुलिस बचाने का प्रयास कर रही है। घटना के बाद अफवाहें तेजी से फैलीं पर, समझदार लोगों ने अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया। हालात जल्दी ही सामान्य हो गये पर, अभी पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है और न ही मुकदमा दर्ज किया गया है।

वारदात कस्बा इस्लामनगर की है। गाँव सिद्धपुर कैथोली के भक्त हरिद्वार से जल लेकर लौट रहे थे। भक्तों की टोली पहले गाँव धीमरबारी स्थित प्राचीन मंदिर पर जलाभिषेक करने गई, उसके बाद सभी अपने गाँव जा रहे थे। ब्लॉक मुख्यालय के सामने नमाजी जमा थे। बताते हैं कि कांवड़ियों ने डीजे बंद कर रखा था एवं वे चुप-चाप हाईवे पर निकल रहे थे, इसके बावजूद उन पर पथराव शुरू कर दिया। भगदड़ मचने पर भक्तों को दौड़ा-दौड़ा कर करीब दो किमी दूर तक पीटा गया। बताते हैं कि थानाध्यक्ष मौके पर थे पर, वे बवालियों को रोकने को सामने तक नहीं आये।

बवाल बढ़ने पर पुलिस कर्मी आगे आये भी तो, उन्हें भी बवालियों द्वारा दौड़ा लिया गया। महिला पुलिस कर्मी दौड़ कर पेट्रोल पंप के कार्यालय में घुस गईं और फिर अंदर से बंद करने के बाद स्वयं को बचा पाईं। सूचना जिला मुख्यालय पर पहुंची तो, आनन-फानन में आस-पास की थाना पुलिस और मुख्यालय से पुलिस बल भेज दिया गया। एडीएम (प्रशासन) और एएसपी (ग्रामीण) स्वयं आ गये, उन्होंने मोर्चा संभाला। भक्तों की टोली त्वरित कार्रवाई की मांग कर रही थी। बताया जा रहा है कि थाने के ही चालक सिपाही ने भक्तों के ट्रैक्टर के आगे गाड़ी लगा दी थी, जिससे वे फंस गये। भक्त ड्राईवर के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ गये।

जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी मौके पर आ गये, उन्होंने भक्तों को कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद भक्त शांत हो गये, इससे पहले बिसौली मार्ग पर भीड़ जमा हो गई, जिसने कई वाहनों में तोड़-फोड़ कर दी। क्षेत्र में तमाम तरह की अफवाहें फैलने लगीं पर, जागरूक लोगों ने अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया, जिससे तेजी से हालात सामान्य हो गये। इस्लामनगर का बाजार भी कुछ ही देर बाद खुल गया।

दुःखद बात यह है कि दो भक्त घायल हैं एवं कई भक्त चुटैल हैं। वारदात एसओ की लापरवाही से हुई। एक नेता की भीड़ को भड़काने में मुख्य भूमिका बताई जा रही है। पुलिस के ड्राईवर की भूमिका निंदनीय बताई जा रही है पर, अभी तक न मुकदमा दर्ज हुआ है, न आरोपी नेता गिरफ्तार हुआ है और न ही थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई हुई है। बवाली तो चिन्हित किये जायेंगे पर, आरोपी ड्राईवर को भी हिरासत में नहीं लिया गया है। हालाँकि उसे निलंबित करने की सूचना मिल रही है।

बता दें कि पुलिस-प्रशासन श्रावण मास शुरू होने से पहले ही समस्त तैयारी करने का दावा कर रहा था पर, आज हुई वारदात ने पुलिस-प्रशासन के दावों की पोल स्वतः ही खोल दी, इस पर शासन को ध्यान देना चाहिए और उच्च स्तरीय जाँच कर कड़ी कार्रवाई करना चाहिए, क्योंकि नामजद तहरीर मिलने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। आरोपी नामजद नेता पुलिस का दलाल है, जो करोड़ों रूपये कीमत की जमीनें भी पुलिस के सहयोग से कब्जा चुका है।

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