जीवित को घोषित कर दिया मृत, डीएम ने निलंबित किया भ्रष्ट लेखपाल, कानूनगो भी लपेटे में आया

जीवित को घोषित कर दिया मृत, डीएम ने निलंबित किया भ्रष्ट लेखपाल, कानूनगो भी लपेटे में आया

बदायूं जिले में भ्रष्टाचारी बिल्कुल भी नहीं डर रहे हैं। जीवित व्यक्ति को लेखपाल ने मृत घोषित कर दिया। पीड़ित चीख-चीख कर कह रहा है कि वह जीवित है पर, उसकी आवाज किसी के कानों तक नहीं पहुंच रही। प्रकरण डीएम कुमार प्रशांत के संज्ञान में आया तो, उन्होंने भ्रष्ट लेखपाल वीरभानु को निलंबित करने और कानूनगो को स्पष्टीकरण देने के निर्देश दे दिए।

मंगलवार को जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा व अन्य तमाम अधिकारियों के साथ तहसील दातागंज में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायतों को सुना और फिर सम्बंधित अधिकारियों को गुणवत्ता पूर्वक एवं समय से निस्तारण करने के निर्देश दिए, इसी दौरान गाँव मैला निवासी राजबहादुर ने बताया कि लेखपाल वीरभानु ने उसे कागजों में मृत घोषित कर दिया है, जिससे उसकी विरासत उसके नाम पर दर्ज नहीं हो पा रही है, इस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए लेखपाल वीरभानु को निलंबित करने और कानूनगो को स्पष्टीकरण देने के निर्देश दे दिए।

अभिषेक ने शिकायत करते हुए बताया कि लेखपाल अरविंद और कानूनगो सुखवीर दूसरे पक्ष से सांठ-गांठ कर उसकी जगह पर अवैध निर्माण करा रहे हैं। डीएम ने एसडीएम को जांच करने व दोषी पाए जाने पर दोषियों पर निलंबन की कार्यवाही करने के निर्देश दे दिए। उसहैत क्षेत्र ग्राम गूरा वरैला निवासी नेकसू ने शिकायत करते हुए अवगत कराया कि उसके भाई ने उसकी जमीन कब्जा रखी है, इस पर डीएम ने तहसीलदार को जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

दातागंज के वार्ड- 15 निवासी अजय कुमार ने अवगत कराया कि उनके सेवानिवृत पिता की मृत्यु के बाद पेंशन माँ के खाते में आने लगी, अब माँ की मृत्यु हो जाने के बाद जिला कोषागार में लिखित में पेंशन बंद करने को प्रार्थना पत्र दे चुके हैं लेकिन, अब फिर पिता की पेंशन आने का मैसेज प्राप्त हुआ है, शिकायतकर्ता ने शिकायत में कहा है कि पेंशन बैंक से कटौती कर कोषागार वापस कराई जाये, डीएम ने सीटीओ एवं बीएसए को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दे दिए।

डीएम ने समस्त संबंधित विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। शिकायतों के निस्तारण में किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने एक-एक शिकायत सुनी और उनके निस्तारण हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं का निस्तारण शासन की प्राथमिकताओं में है, सभी अधिकारी रूचि लेकर गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण सुनिश्चित करें। शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता, गुणवत्ता एवं समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए। सम्पूर्ण समाधान दिवस में 52 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसमें से 4 शिकायतों का मौके पर निस्तारण किया गया।

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