विद्यालयों का निरीक्षण करते समय मास्साब बन गये डीएम

विद्यालयों का निरीक्षण करते समय मास्साब बन गये डीएम

बदायूं जनपद के समस्त विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत रहनी चाहिए। बच्चे विद्यालय में ड्रेस में ही पढ़ने आयें। अनपढ़ माता-पिता को बच्चे भी खेल-खेल में पढ़ना-लिखना सिखायें। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को अपनों से बड़ों का आदर-सम्मान करना सिखाया जाए।मंगलवार को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने विकासखंड सालारपुर के प्राथमिक विद्यालय बनगवां एवं विकासखंड वजीरगंज क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय साही का निरीक्षण किया। उन्होंने बनगवां में बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा पढ़ने से वंचित न रहे। डीएम ने बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति देखकर गांव के लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इसी तरह से बच्चों को विद्यालय पढ़ने भेजते रहें। उन्होंने बच्चों से गिनती, पहाड़े एवं सुलेख लिखाया।

जिलाधिकारी ने विद्यालय की टूटी हुई बाउंड्री, फर्श पर टाइल्स एवं अतिरिक्त कक्ष को बनवाने के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद यादव को निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों से कहा कि जिनके माता-पिता अनपढ़ हैं, उन्हें एक महीने में जिद कर के खेल-खेल में पढ़ना-लिखना सिखाना है, वे विद्यालय में आकर बच्चों के माता-पिता का भी टेस्ट लेंगे। विद्यालय में बास्केटबॉल एवं अन्य खेलकूद की व्यवस्थाएं पूर्ण किये जाने के भी निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय साही में चार लड़के एवं छह लड़कियों को साईकिल देने के निर्देश दिए। उन्होंने कक्षा सात में 56 के सापेक्ष 18 बच्चों की उपस्थिति कम मिलने पर असंतोष व्यक्त करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि एबीएसए की जिम्मेदारी तय करें कि बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत की जाए। उन्होंने कहा कि जो बच्चे स्कूल पढ़ने नहीं आते हैं, उन्हें घर से बुलाकर विद्यालय लाया जाए। जिलाधिकारी ने पिंकी और अनामिका से बोर्ड पर 19 का पहाड़ा लिखवाया। उन्होंने टीचरों को निर्देश दिए कि नए सत्र से सभी बच्चे स्कूल अवश्य लाए जायें।

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