बकायादार ब्रजपाल शाक्य की हवालात में हालत बिगड़ी, अस्पताल लाते समय मौत

बकायादार ब्रजपाल शाक्य की हवालात में हालत बिगड़ी, अस्पताल लाते समय मौत

बदायूं नगर पालिका परिषद क्षेत्र में पल भर में करोड़ों रुपया इधर से उधर हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग में नईम शास्त्री नाम का ठेकेदार लाखों रुपया महीना डकार रहा है, इस सब पर किसी का ध्यान तक नहीं जाता लेकिन, बिजली विभाग के बकायादार को उठा कर हवालात में डाल दिया गया, जिसकी मौत होने से हड़कंप मचा हुआ है।

सनसनीखेज वारदात सहसवान तहसील क्षेत्र की है। जरीफनगर निवासी ब्रजपाल शाक्य पुत्र ओमपाल की दुकान में बिजली चोरी पकड़ी गई थी, जिसको लेकर 81 हजार 947 रूपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माना जमा न हो पाने के कारण ब्रजपाल के नाम 3 नवंबर 2018 को आरसी जारी कर दी गई। 23 सितंबर को तहसील प्रशासन ने ब्रजपाल को गिरफ्तार कर हवालात में बंद कर दिया।

हवालात में बंद बकायेदारों के अनुसार गुरूवार सुबह ब्रजपाल की हालत मंजन करते समय बिगड़ गई थी। हालात गंभीर होने पर प्रशासन ने सुध ली पर, चाबी न मिलने के कारण काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। चाबी न मिलने पर हवालात का ताला ईंटों से तोड़ा गया और फिर ब्रजपाल को सीएचसी लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद ब्रजपाल को जिला मुख्यालय के लिए रेफर कर दिया गया पर, ब्रजपाल ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

ब्रजपाल की मौत की खबर घर पहुंची तो, कोहराम मच गया। परिजन प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं, वहीं तहसीलदार धीरेन्द्र कुमार का कहना है मृतक के शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं, बाकी पोस्टमार्टम के बाद स्थिति साफ हो जायेगी। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रिपोर्ट में मौत का कोई कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, जिससे विसरा प्रिजर्व कर दिया गया है।

उधर ब्रजपाल के प्रकरण में प्रशासन कठघरे में खड़ा नजर आ रहा है। ब्रजपाल के पिता का नाम आरसी में गलत दर्ज था, ऐसे में उसे गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए था। प्रशासन ने मनमानी पूर्ण रवैया अपनाया, इसके अलावा 14 दिन हवालात में रखना भी अमानवीय कृत्य है। नियमानुसार बकायेदार को 14 दिन रखने की अवस्था में जिला कारागार भेजना चाहिए, क्योंकि तहसील परिसर में बनी हवालात मानकों के अनुसार नहीं होती।

ब्रजपाल शाक्य की जान चली गई लेकिन, भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस सहित किसी भी राजनैतिक और सामाजिक नेता ने अभी दुःख तक व्यक्त नहीं किया है। पीड़ित परिवार को कोई सांत्वना देने भी नहीं गया है। प्रशासन स्वयं को सही दर्शाने की दिशा में मेहनत करता नजर आ रहा है।

(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)

Leave a Reply