थाना उघैती बना दुकान, रिश्वत वापस मांगने पर युवक को गरियाया

थाना उघैती बना दुकान, रिश्वत वापस मांगने पर युवक को गरियाया

बदायूं जिले में एसएसपी चन्द्रप्रकाश के कार्यकाल के दौरान कई अनुभवहीन सब-इंस्पेक्टर थाना प्रभारी बनने में सफल हो गये थे। अनुभवहीन एसओ के चलते कई थाना क्षेत्रों के हालात भयानक हो चले हैं। थाने दुकानें बन गये हैं। कोई भी सीधे जाकर मोल-भाव कर सकता है और कुछ भी करा सकता है, ऐसा ही एक थाना है उघैती, यहाँ तैनात एसओ प्रमेन्द्र कुमार एक सप्ताह के अंदर ही असफल सिद्ध हो गये थे, इसके बावजूद आज तक एसओ बने हुए हैं। अब दो ऑडियो वायरल हुए हैं, जो थाना उघैती के हालात सिद्ध करने को काफी हैं।

थाना उघैती क्षेत्र के सोमवार को दो ऑडियो सामने आये हैं। एक ऑडियो में एक व्यक्ति एक युवक को गरिया रहा है एवं दूसरे ऑडियो में सब-इंस्पेक्टर केपी सिंह उसी युवक को गरियाता हुआ सुनाई दे रहा है। थाना उघैती क्षेत्र में रघुनाथपुर पीपरी नाम की एक ग्राम पंचायत है। पीपरी रगुनाथपुर का मजरा है। वर्तमान प्रधान किशन पाल जाटव मजरा पीपरी का निवासी है। बताते हैं कि चार दिन पूर्व रघुनाथपुर में भाजपा नेता व पूर्व एमएलसी जितेन्द्र यादव ने चौपाल लगाई थी, जिसमें प्रधान का भाई राजेन्द्र भी मौजूद था। चौपाल में रघुनाथपुर निवासी महेश जाट और प्रधान के भाई के बीच नोंक-झोंक हो गई थी। महेश का कहना है कि उससे शौचालय बनवाने के लिए हजार रूपये रिश्वत ली गई थी। शौचालय नहीं बना तो, उसने रूपये वापस मांगे थे, इस पर राजेन्द्र ने ही अभद्रता की थी। प्रकरण प्रधान किशन पाल जाटव के संज्ञान में पहुंचा तो, उसने महेश को फोन पर जमकर गरियाया, इस बातचीत में रिश्वत की बात आई है लेकिन, प्रधान रिश्वत की बात नकार रहा है।

उक्त प्रकरण को लेकर ही थाना उघैती के सब-इंस्पेक्टर केपी सिंह ने भी महेश को फोन पर न सिर्फ जमकर गरियाया बल्कि, प्रधान के पैर पकड़ने की चेतावनी भी दे डाली। केपी सिंह ने यह तक कह दिया कि प्रधान के तत्काल जाकर पैर नहीं पकड़े तो, वह हरिजन एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज देगा।

प्रधान और केपी सिंह से हुई बात महेश के मोबाइल में रिकार्ड हो गई और फिर उसने दोनों ऑडियो वायरल कर दिए, जिससे पुलिस की जमकर फजीहत हो रही है। ऑडियो से यह सिद्ध हो रहा है कि थाना उघैती पर एसओ प्रमेन्द्र कुमार का कोई प्रभाव नहीं है, वहां जिसके मन में जो आ रहा है, वह वही कर रहा है। एक प्रकरण का ऑडियो वायरल हो गया तो, बात जनता के बीच आ गई, ऐसे हजारों प्रकरण बताये जा रहे हैं, जिसमें फंसे पीड़ित पुलिस के भय के चलते जोर से आह तक नहीं भर पा रहे हैं। अब देखने वाली बात यह है कि तेजतर्रार एसएसपी माने जा रहे अशोक कुमार क्या कदम उठाते हैं?

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