उधार रिश्वत वसूलने को किसान के पीछे पड़ा है भ्रष्ट चौकी प्रभारी, वीडियो में कैद

उधार रिश्वत वसूलने को किसान के पीछे पड़ा है भ्रष्ट चौकी प्रभारी, वीडियो में कैद

बदायूं जिले में पुलिस द्वारा मनमानी करने की घटनायें लगातार बढ़ रही हैं। पुलिस विभाग में भ्रष्टाचारियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। हालात यह हैं कि लोग भ्रष्ट पुलिस वालों की मनमानी की शिकायतें करने से पीड़ित कांपने लगे हैं, ऐसे ही एक भ्रष्ट सब-इंस्पेक्टर से पूरा परिवार डरा-सहमा है। भ्रष्ट सब-इंस्पेक्टर का रिश्वत लेते हुए वीडियो बन गया है, जिसकी पीड़ित ने एसएसपी व डीएम से कार्रवाई की मांग की है।

चौंकाने वाली घटना इस्लामनगर थाना क्षेत्र में स्थित नूरपुर पिनौनी पुलिस चौकी की है। नूरपुर पिनौनी निवासी भूरे लाल दीक्षित का कहना है कि उनके परिजन अचानक 50 साल पुरानी खेत की नाली पर पानी निकासी को लेकर आपत्ति जताने लगे और नूरपुर पिनौनी पुलिस चौकी पर शिकायत कर दी। लेखपाल को बुलाकर सच्चाई जानने की जगह चौकी प्रभारी लक्ष्मण सिंह दो सिपाहियों के साथ खेत पर आ गये और उसको गालियाँ देने लगे।

पीड़ित का कहना है कि खेत भरने का एक मात्र रास्ता यही है, फिर भी वह नहीं माने। अंत में चौकी में बैठाकर लिखित में फैसला करा दिया गया, जिसमें पानी की निकासी बंद न करने का निर्णय हुआ पर, फैसले की प्रति नहीं दी। उक्त लोगों ने लक्ष्मण सिंह की शह पर गुरूवार को पुनः झगड़ा शुरू कर दिया तो, वह चौकी पर गया, इस दौरान दरोगा लक्ष्मण सिंह ने कहा कि रूपये दिये नहीं है, फैसला लागू कैसे करा दूँ। लक्ष्मण सिंह ने एक हजार रूपये मांगे तो, वह दवा लेने जा रहा था, वही तीन सौ रूपये जेब में थे, जो उन्हें दे दिये और सात सौ रूपये देने का उन्होंने वादा ले लिया।

आरोप है कि चौकी प्रभारी लक्ष्मण सिंह शनिवार को ही घर पर आ गये और बकाया रिश्वत के रूपये मांगने लगे। उसने कहा कि वह रूपये का इंतजाम कर रहा है तो, वह बोले शाम तक रूपये नहीं दिये तो, वह उसे जेल भेज देगा। चौकी प्रभारी लक्ष्मण सिंह की धमकी से पीड़ित और उसका परिवार दहशत में है। पीड़ित ने आशंका जताई है कि लक्ष्मण सिंह उसके और परिवार के साथ कुछ भी कर सकते हैं। रिश्वत देते समय का वीडियो भी बन गया है, पीड़ित ने एसएसपी व डीएम से लक्ष्मण सिंह के विरूद्ध तत्काल कड़ी कार्यवाई करने की मांग की है।

उधर उच्च न्यायालय में अधिवक्ता रामेन्द्र पाल सिंह का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान दुनिया कोरोना से लड़ रही थी लेकिन, लक्ष्मण सिंह माफियाओं के साथ शराब पी रहे थे और जमीनों पर कब्जे करा रहे थे। अधिवक्ता रामेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने लक्ष्मण सिंह के दिन में ही शराब पीने, माफियाओं के साथ मीट खाने और जंगल में दिनदहाड़े शिकार कराने की शिकायत की थी पर, अफसरों ने कोरोना के चलते शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे लक्ष्मण सिंह की मनमानी बढ़ती चली गई।

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