पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्याशी जानें आरक्षण की प्रक्रिया, धैर्य और संयम से रहें

पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्याशी जानें आरक्षण की प्रक्रिया, धैर्य और संयम से रहें

बदायूं जिले में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां बेहद तेजी से चल रही हैं। आरक्षण की सूची जारी होने की दिशा में उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जिन्हें अपनी ग्राम पंचायत व वार्ड आरक्षित होने की आशंका है, ऐसे तमाम लोग नेताओं और दलालों से संपर्क कर ग्राम पंचायत व वार्ड को आरक्षण मुक्त कराने में जुटे नजर आ रहे हैं, वहीं कुछ लोग ग्राम पंचायत व वार्ड आरक्षित कराने का भी प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं। नेता और दलाल लोगों को उनके मन के अनुसार आश्वासन भी देते नजर आ रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि आरक्षण में दबाव और रिश्वत काम नहीं आने वाली।

उल्लेखनीय है कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार सर्व प्रथम विकास खंड स्तर पर सूची तैयार की गई, जिसे तैयार कर सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) और खंड विकास अधिकारी द्वारा जिला स्तर पर प्रस्तावित कर दिया गया, जिसके बाद जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी द्वारा परीक्षण किया गया, इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सूची को देखा जायेगा, उसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी सूची को प्रकाशन हेतु आदेश पारित कर देंगे।

शासन स्तर से ही आरक्षण को पारदर्शी रखने के आदेश दिए गये हैं, इसके बावजूद मुख्य विकास अधिकारी आईएएस निशा अनंत ने अपने स्तर से सूची के परीक्षण हेतु जिला दिव्यांग जन कल्याण अधिकारी संतोष कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी रामेन्द्र प्रताप सिंह और जिला समाज कल्याण अधिकारी राम जन्म को भी जुटा रखा है, इसके बाद सीडीओ निशा अनंत स्वयं एक-एक ग्राम पंचायत का वार्ड को देखती हैं, किसी भी स्तर पर नियमों का उल्लंघन नजर आता है तो, संबंधित कर्मचारी और अधिकारी को डांटती हैं, साथ ही तत्काल सही कराती हैं, ऐसे में आरक्षण में बेईमानी होने की संभावना बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही है।

डीएम कुमार प्रशांत शासनादेश, नियम और कानून के अनुसार कार्य करने को जाने जाते हैं, उनके पास त्रुटी पूर्ण सूची पहुंची तो, उनकी नजर से बच नहीं पायेगी, इसीलिए सीडीओ आईएएस निशा अनंत स्वयं एक-एक  ग्राम पंचायत और वार्ड का परीक्षण कर रही हैं, वे राजनैतिक दबाव मानती नहीं हैं, उनके सामने दलालों की भी नहीं चलने वाली, इसलिए संभावित प्रत्याशी हाथ-पैर न मारें, नेताओं की परिक्रमा न करें और न ही दलालों के झांसे में आयें, क्योंकि धोखे के अलावा उनके हाथ कुछ नहीं आने वाला। सूची के प्रकाशित होने की धैर्य पूर्वक प्रतीक्षा करें, अवसर मिले तो, चुनाव मैदान में कूद पड़ें। 13 से 14 मार्च के बीच में फाइनल सूची का प्रकाशन करा दिया जायेगा।

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