घटिया कूड़ेदानों का मिलीभगत के चलते अधिशासी अधिकारी ने कर दिया भुगतान

घटिया कूड़ेदानों का मिलीभगत के चलते अधिशासी अधिकारी ने कर दिया भुगतान

बदायूं जिले में सरकारी धन की लूट बंद नहीं हो पा रही है। ट्रैक्टर चालक के नाम से कुख्यात माफिया चारों और जमकर लूट रहा है, इस बार सभासदों और चेयरमैन ने ही माफिया के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। प्रकरण तेजतर्रार डीएम कुमार प्रशांत के संज्ञान में पहुंच गया है, जिससे इस बार माफिया पर शिकंजा कसे जाने की संभावना जताई जा रही है।

पढ़ें: डीपीआरओ ने प्रतिबंधित डीडीटी पाउडर खरीदने को माफिया का नाम सुझाया

ताजा प्रकरण कूड़ेदान घोटाले का सामने आया है। ट्रैक्टर चालक के नाम से कुख्यात माफिया ने जिले भर की नगर निकायों में कूड़ेदान बेचे हैं लेकिन, किसी भी नगर निकाय में कूड़ेदान मानक के अनुरूप नहीं हैं। पचास किग्रा का एक कूड़ादान होना चाहिए था पर, मौके पर 25 किग्रा के कूड़ेदान बताये जा रहे हैं। माफिया अधिशासी अधिकारियों से सांठ-गाँठ कर पेमेंट भी प्राप्त कर चुका है।

पेमेंट के बाद प्रकरण दातागंज नगर पालिका परिषद के चेयरमैन आकाश वर्मा के संज्ञान में आया तो, वे स्तब्ध रह गये, उन्होंने तेजतर्रार डीएम कुमार प्रशांत को दिए पत्र में लिखा है कि जैम पोर्टल के द्वारा कैपिटल रिसेलर फर्म से 250 कूड़ेदान खरीदे गये थे लेकिन, फर्म द्वारा 188 कूड़ेदान ही दिए गये हैं, साथ ही कूड़ेदान घटिया किस्म के हैं। मानक के अनुरूप न होने एवं ऑर्डर के अनुसार सभी कूड़ेदान न आने के बावजूद मिलीभगत के चलते अधिशासी अधिकारी भूपराम वर्मा ने फर्म को 12, 78, 400 रूपये का भुगतान भी कर दिया, इससे पहले भूपराम वर्मा ने बैंक के खाते से चेयरमैन के हस्ताक्षर भी खत्म करा दिए, जिससे चेयरमैन को भुगतान की भनक तक नहीं लगी। चेयरमैन आकाश वर्मा के पत्र पर तेजतर्रार डीएम कुमार प्रशांत ने जांच के आदेश दिए हैं। माना जा रहा है कि इस बार माफिया बच नहीं पायेगा।

बताते हैं कि माफिया ने जिले भर की निकायों में कूड़ेदान घोटाला किया है, इसलिए जिले भर में जांच कराने की आवश्यकता है। बताते हैं कि माफिया अधिशासी अधिकारियों को शराब, शबाब, मांस सहित हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाता है, उनकी हर इच्छा पूरी करता है, जिससे अधिकांश अधिशासी अधिकारी इस माफिया के दिवाने हैं, इसीलिए तमाम शिकायतों के बावजूद अधिशासी अधिकारी इसे काम देना बंद नहीं करते, जबकि कई अधिशासी अधिकारियों से रिश्वत के बंटवारे को लेकर पूर्व में इसकी मारपीट तक हो चुकी है।

उधर कुख्यात माफिया ने पंचायत विभाग में भी सांठ-गाँठ कर ली है। डीपीआरओ द्वारा डीडीटी पाउडर छिड़कने के लिए इसी माफिया का नाम सुझाया जा रहा है। बताते हैं कि माफिया सत्ता पक्ष के एक नेता के साथ मिल कर काम कर रहा है, जिससे सब कुछ जानते हुए भी अफसर कार्रवाई करने से बचते हैं।

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