भगवानों के बीच में राक्षस भी हैं, माहमारी के बावजूद नहीं आ रहे डॉक्टर

भगवानों के बीच में राक्षस भी हैं, माहमारी के बावजूद नहीं आ रहे डॉक्टर

बदायूं जिले के लोग कोरोना वायरस के चलते तमाम मूल-भूत असुविधाओं के साथ जीवन तक से जूझ रहे हैं। लॉक डाउन में शासन-प्रशासन के साथ खड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डॉक्टर व कर्मचारियों को आम जनता भगवान जैसा सम्मान देती नजर आ रही है, इसके बावजूद लापरवाह और भ्रष्ट किस्म के डॉक्टर व कर्मचारी सुधरने को तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। लापरवाह डॉक्टर व कर्मचारी वैश्विक माहमारी को भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। तमाम लापरवाह ड्यूटी पर ही नहीं आ रहे हैं और जो आ रहे हैं, वे ड्यूटी छोड़ कर बरेली भाग जाते हैं, जबकि बाहर से आये संदिग्ध लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

डॉक्टर को आम जनता सदैव विशिष्ट सम्मान देती है। कोरोना वायरस की दहशत के चलते आम जनता डॉक्टर को और अधिक सम्मान देने लगी है। अगर, कहीं डॉक्टर या, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के साथ अभद्रता हो रही है तो, आम जनता उनके साथ खड़ी नजर आ रही है। सरकार भी खुल कर स्वास्थ्य कर्मियों के साथ खड़ी नजर आ रही है और अभद्रता करने वालों को चेतावनी दे रही है, ऐसे माहौल में भी भ्रष्ट और लापरवाह किस्म के डॉक्टर व कर्मचारी सुधरने को तैयार नहीं हैं।

सूत्रों का कहना है कि जिले के सामुदायिक केन्दों पर तैनात एमओआईसी, डॉक्टर व चीफ फार्मासिस्ट बरेली, कासगंज, शाहजहाँपुर सहित आस-पास के जनपदों व शहरों में रहते हैं और यदा-कदा ही आते हैं। कोरोना वायरस के चलते सर्वाधिक महत्वपूर्ण दायित्व स्वास्थ्य विभाग के ऊपर ही आ गया है, ऐसे में डॉक्टर सहित समस्त स्टाफ को हर समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही रहना चाहिए लेकिन, भ्रष्ट और लापरवाह किस्म के डॉक्टर व कर्मचारी नहीं आ रहे हैं, उनके उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर चमचे ही बना रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि सीएचसी और पीएचसी के रख-रखाव के लिए आये फंड को अधिकांश एमओसी मार्च के कारण फर्जी बिल-बाउचर के द्वारा हजम कर चुके हैं, अधिकांश स्थानों पर भवन पर रंग तक नहीं कराया गया है। कोरोना वायरस को लेकर की जा रही खरीददारी में भी जमकर घपला किया जा रहा है। कर्तव्यनिष्ठ डॉक्टर और कर्मचारियों की देश भर में प्रशंसा की जा रही है तो, ऐसे भ्रष्ट और लापरवाहों के विरुद्ध त्वरित कड़ी कार्रवाई भी होना चाहिए। चौंकाने वाली बात यह है कि कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों ने लापरवाहों से सवाल किया तो, एक सीएचसी पर जमकर बवाल भी हो गया। एक दबंग फीजियोथेरेपिस्ट ने एक आरवीएसकेके डॉक्टर को न सिर्फ गालियाँ दीं बल्कि, पीटने को दौड़ पड़ा तो, साथी कर्मियों ने बचा लिया।

खुशी की बात यह है कि जिले से अब तक भेजे गये समस्त सेंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एक सेंपल की रिपोर्ट ही स्पष्ट नहीं थी, इसलिए सेंपल पुनः भेजा गया है। आज कोई संदिग्ध सामने नहीं आया लेकिन, ललुआ नगला, जलालपुर, सैदपुर में संदिग्ध बताये जा रहे हैं, जिससे पड़ोसी दहशत में बताये जा रहे हैं लेकिन, सूचना के बावजूद स्थानीय सीएचसी की टीम संदिग्धों को देखने तक नहीं गई है, जिससे लोग आक्रोशित नजर आ रहे हैं। भ्रष्ट और लापरवाहों के विरुद्ध डीएम कुमार प्रशांत को स्वयं ही कार्रवाई करना होगी तभी, हालात सुधर सकते हैं। डीएम की भूमिका से आम जनता संतुष्ट और खुश नजर आ रही है, इसलिए आम जनता को लगता है कि डीएम भ्रष्ट व लापरवाहों को छोड़ेंगे नहीं। रात में ही औचक निरीक्षण करा कर भ्रष्ट और लापरवाहों को दंडित किया जाना चाहिए ताकि, सिर पर मंडरा रही कोरोना वायरस बीमारी को भ्रष्ट और लापरवाह भी गंभीरता से लेने लगें।

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