धरने पर बैठे जीएमसी के पीड़ित संविदा कर्मियों को वेतन की जगह मिली धमकी

धरने पर बैठे जीएमसी के पीड़ित संविदा कर्मियों को वेतन की जगह मिली धमकी

बदायूं जिले में स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में संविदा कर्मचारी सात महीने से वेतन न मिलने के कारण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि कोरोना वायरस को लेकर देश में और प्रदेश में अलर्ट है। अस्पतालों में मौसम खराब होने के कारण सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है, ऐसे में संविदा कर्मियों के धरना प्रदर्शन से आम जनता को नुकसान होना स्वाभाविक ही है।

उझानी मार्ग पर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में कार्यरत संविदा कर्मियों को सात महीने से वेतन नहीं मिला है। लगभग 300 आहत कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं, पीड़ित कर्मचारियों का कहना है कि उनका सात माह से वेतन नहीं मिला है, जब तक वेतन नहीं मिलेगा तब तक, वह धरना समाप्त नहीं करेंगे, कर्मचारियों के धरने पर बैठने के कारण राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरीत असर पढ़ रहा है।

धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि उनकी सैलरी पिछले 7 माह 16 दिन से नहीं मिली है, हर बार उन्हें आश्वासन दे दिया जाता है लेकिन, उसके बाद भी उन्हें सैलरी प्राप्त नहीं हुई है। वेतन न मिलने के कारण होली भी बेरंग रही, वे लोग बाहर से आकर यहां नौकरी कर रहे हैं, किराए के मकानों में रहते हैं, जिनका किराया भी उनके ऊपर बकाया हो गया है, उनकी मांग है कि पूरा वेतन दिया जाए, इसके बाद ही धरना समाप्त करेंगे। यह भी आरोप है कि धरने को लेकर प्रिंसिपल ने धमकाया।

राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरपी सिंह का कहना है कि कर्मचारियों को किसी ने गुमराह कर दिया है, कर्मचारियों के वेतन बिल ट्रेजरी को भेजे जा चुके हैं, एक-दो दिन की प्रक्रिया के बाद सभी को सैलरी दे दी जाएगी, इस बारे में कर्मचारियों को भी बता दिया गया है।

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