राज्यमंत्री और विधायक के साथ सरकार पर भारी पड़ा भ्रष्ट सहायक आयुक्त धर्मेन्द्र भास्कर

राज्यमंत्री और विधायक के साथ सरकार पर भारी पड़ा भ्रष्ट सहायक आयुक्त धर्मेन्द्र भास्कर

बदायूं के जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्मिता विकास केंद्र के सहायक आयुक्त धर्मेन्द्र कुमार भास्कर पर भ्रष्टाचार और मनमानी के गंभीर आरोप लगे हैं, यह कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न भी करता है। पीड़ितों की शिकायत पर राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता और विधायक धर्मेन्द्र कुमार शाक्य “पप्पू भैया” तक शिकायत कर चुके हैं। एक बार हुई जाँच में आरोप सिद्ध भी हो चुके हैं, फिर भी इसके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जा रही है। पत्रकारों द्वारा सवाल करने पर आरोपी धर्मेन्द्र कुमार भास्कर सवालों से भागता नजर आया।

सहायक आयुक्त धर्मेन्द्र कुमार भास्कर पर जिले भर के तमाम लोगों ने रिश्वत लेने के आरोप लगाये हैं, रिश्वत न देने पर काम न करने के आरोप लगाये हैं, रिश्वत लेकर तमाम अनैतिक कार्य करने के आरोप लगाये हैं, क्षमता से अधिक डीजल खर्च होने का भी आरोप है, इसके उत्पीड़न से तंग आकर प्रधान सहायक फारुख खान आत्म हत्या करने का प्रयास कर चुके हैं, इस सबकी शिकायत पीड़ितों ने अफसरों के साथ राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता और विधायक धर्मेन्द्र कुमार शाक्य “पप्पू भैया” से की तो, उन्होंने स्थानीय स्तर पर और शासन स्तर पर धर्मेन्द्र कुमार भास्कर की शिकायत कर कार्रवाई करने को कहा।

बरेली के संयुक्त आयुक्त ऋषि रंजन गोयल ने आरोपों की जाँच की तो, अधिकांश आरोपों की पुष्टि हुई, साथ ही लिखा है कि प्रभारी उपायुक्त जैस्मीन के अनुभवहीन होने के कारण कार्यालय के हालात खराब हैं, उन्होंने दूरस्थ जिले में स्थानांतरण करने की संस्तुति के साथ आयुक्त एवं निदेशक उद्योग कार्मिक अनुभाग कानपूर को 19 जून 2020 को रिपोर्ट भेज दी थी लेकिन, धर्मेन्द्र कुमार भास्कर को अभी तक नहीं हटाया गया है।

उक्त आरोपों की जाँच करने को ही बुधवार को अयोध्या के जेडीआई एचपी सिंह आये तो इस दौरान तमाम पीड़ितों ने आकर आरोपों की पुष्टि की लेकिन, आरोप है कि एचपी सिंह धर्मेन्द्र कुमार भास्कर से मिले हुए थे, वे पीड़ितों से पक्ष में शपथ पत्र और बयान देने की बात कह रहे थे, इस दौरान पत्रकारों ने धर्मेन्द्र कुमार भास्कर से सवाल किये तो, वह सवालों से भागता नजर आया।

यह भी बता दें कि धर्मेन्द्र कुमार भास्कर पर पत्नी फार्च्यूनर कार और साठ लाख रुपया दहेज में न देने के कारण घर से निकालने का आरोप लगा चुकी है, इससे स्पष्ट है कि धर्मेन्द्र कुमार भास्कर स्वभाव से ही लालची है। लाभार्थियों के साथ राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता और विधायक धर्मेन्द्र कुमार शाक्य “पप्पू भैया” शिकायत कर चुके हैं, साथ ही जाँच में दोषी करार दिया जा चुका है, ऐसे में धर्मेन्द्र कुमार भास्कर के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई न होने से सरकार की छवि खराब हो रही है।

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