लेखपाल ड्यूटी पर जाये तो चालान कटता है, न जाये तो वेतन, क्या करे?

लेखपाल ड्यूटी पर जाये तो चालान कटता है, न जाये तो वेतन, क्या करे?

बदायूं जिले में लॉक डाउन के अंतर्गत जहाँ कड़ाई की जरूरत है, वहां उदारता बरती जा रही है लेकिन, जो कोरोना के विरुद्ध जंग लड़ रहे हैं, उन पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। संपूर्ण व्यवस्था पुलिस पर ही टिक गई है, जिससे शोषण के बावजूद कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। अधिकारी-कर्मचारी भी लगातार शिकार हो रहे हैं।

ताजा प्रकरण भी चौंकाने वाला है। राशन वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की नीयत से कोटेदार के साथ वितरण अधिकारी तैनात किये गये हैं, जो शासन की मंशा के अनुरूप पात्रों तक खाद्यान्न पहुंचवाने का काम कर रहे हैं। सदर तहसील क्षेत्र के गाँव नौशेरा में लेखपाल देवेश कुमार शर्मा की ड्यूटी लगाई गई थी।

बताते हैं कि लेखपाल देवेश कुमार शर्मा के पास परिचय पत्र और पास है, वे 17 अप्रैल को नौशेरा में राशन वितरण कराने जा रहे थे तभी, उन्हें पुलिस ने रोक लिया। उन्होंने परिचय पत्र और पास दिखाया, साथ ही सरकारी कार्य से जाने की बात कही, इसके बावजूद उनकी गाड़ी का ऑन लाइन 1000 रुपये का चालान काट दिया गया। चालान कटवाने के बावजूद वे राशन वितरण कराने नौशेरा पहुंचे और राशन वितरण कराया।

बताते हैं कि अगले दिन वे पुनः ड्यूटी पर जाने को घर से निकले तो, पुलिस के व्यवहार को देख कर वे पलट कर घर चले गये। अपमानित होने और चालान कटने की दहशत में उन्होंने ड्यूटी पर जाना बंद कर दिया, इस बीच 25 अप्रैल को नौशेरा में अफसरों का का काफिला पहुंच गया तो, वहां देवेश कुमार शर्मा अनुपस्थित पाये गये, जिससे उनके वेतन आहरण पर रोक लगा दी गई। लेखपाल जाता तो, पुलिस अभद्रता करती और चालान काटती और नहीं गया तो, वेतन आहरण पर रोक लगा दी गई, ऐसे में सवाल यह है कि पीड़ित सवाल किससे करे और व्यथा किसे बताये? प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए लेखपाल संघ ने लेखपाल को निर्दोष बताते हुए चालान काटने वाले पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।

यहाँ यह भी बता दें कि लॉक डाउन का पालन सही से न होने के कारण शासन स्तर से असंतोष जताया गया था, जिसके बाद जहाँ कड़ाई से पालन कराने की आवश्यकता थी, वहाँ कड़ाई नहीं बरती गई लेकिन, ऐसे लोगों पर लड़ाई करा दी गई, जिससे मीडिया में पुलिस की कड़ाई की खबरें प्रकाशित होने लगें, जिसके बाद शीर्ष अफसर और शासन को लगे कि बदायूं में भी लॉक डाउन का अच्छे से पालन कराया जा रहा है, इसी नीति के तहत स्वस्थ्य कर्मियों, नगर निकाय के कर्मियों और लेखपाल वगैरह पर शिकंजा कसा जा रहा है, जबकि शहर के हॉट स्पॉट और रेड जोन में अभी भी हुजूम जमा होने की खबरें आ रही हैं।

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