दरगाह पर विक्षिप्तों को जंजीरों में बांधने पर उच्चतम न्यायालय नाराज

दरगाह पर विक्षिप्तों को जंजीरों में बांधने पर उच्चतम न्यायालय नाराज

बदायूं में स्थित विश्व प्रसिद्ध छोटे-बड़े सरकार दरगाह राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गई है। विक्षिप्त लोगों को उपचार के नाम पर जंजीर से बांध कर रखने पर उच्चतम न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त की है। न्यायालय का कहना है कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति जंजीर में बांधकर नहीं रखा जाना चाहिए, यह व्यक्ति के अधिकारों और सम्मान के विरुद्ध है, मानसिक रोगी भी इंसान है, उसकी भी अपनी गरिमा है।

न्यायालय का कहना है कि अगर, वो हिंसक भी हैं तो, उन्हें अलग और अकेले रखा जा सकता है लेकिन, जंजीर में बांधना समाधान नहीं है। न्यायालय ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए 7 जनवरी दिन सोमवार को अगली सुनवाई पर सरकार से जवाब-तलब किया है। अधिवक्ता गौरव बंसल द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि राज्य मेंटल हेल्थ केयर एक्ट पर अमल नहीं कर रहे हैं, जिस पर न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए घटनाओं पर जवाब देने और मेंटल हेल्थ केयर एक्ट पर अमल करने का निर्देश जारी किया है।

बता दें कि बदायूं के छोटे-बड़े सरकार दरगाह में मानसिक रूप से बीमार लोगों को इलाज के लिए लाया जाता है और उन्हें जंजीर से बांध कर रखा जाता है। हालाँकि बीमारों को उनके परिजन ही लाते हैं और हर तबके के लोग यहाँ देखे जा सकते हैं।

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