सुरेन्द्र सागर के कारण सपा कार्यकर्ताओं में आ गया था जोश, गुटबंदी ने कराई फजीहत

सुरेन्द्र सागर के कारण सपा कार्यकर्ताओं में आ गया था जोश, गुटबंदी ने कराई फजीहत

बदायूं जिला गढ़ होने के बावजूद समाजवादी पार्टी हाशिये पर पहुंच चुकी है, इसके बावजूद गुटबंदी समाप्त नहीं हो पा रही है। गुटबंदी के कारण सुरेन्द्र सागर के कार्यालय का उद्घाटन समारोह टल गया, जिससे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक मायूस नजर आ रहे हैं। हालाँकि सुरेन्द्र सागर मायूस नहीं हैं, वे क्षेत्र में लगातार मेहनत करते दिखाई दे रहे हैं।

सुरेन्द्र सागर ने बिसौली विधान क्षेत्र से समाजवादी पार्टी में टिकट के लिए दावेदारी ठोंकी तो, क्षेत्र के लंबे समय से मायूस पड़े कार्यकर्ता और समर्थक खुशी से झूम उठे। बिसौली विधान क्षेत्र समाजवादी पार्टी में लंबे से दमदार नेतृत्व के लिए तरस रहा है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक सिर्फ चुनाव में वोट देने तक ही सीमित रह गये हैं। चुनाव के बाद कार्यकर्ताओं और समर्थकों के दुःख में शामिल होने वालों की कमी है। हालाँकि महेंद्र प्रताप सिंह और वीर सिंह सक्रिय रहते हैं पर, यह नेता कुछ गांवों तक सीमित हैं। पूरे विधान सभा क्षेत्र में पहुंच रखने वाला नेता लंबे समय से कोई नहीं है, ऐसे नेतृत्व विहीन वातावरण में सुरेन्द्र सागर आये तो, कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश आ गया लेकिन, वे पार्टी के अंदर की गुटबंदी से अनिभिज्ञ थे, सो पहली गेंद पर ही चूक गये।

सुरेन्द्र सागर ने बिसौली में कार्यालय खोलने का मन बनाया, जिसके उद्घाटन के लिए उन्होंने धर्मेन्द्र यादव से सैफई जाकर बात की और उनसे समारोह में मुख्य अतिथि बनने का आग्रह किया तो, उन्होंने सहमति दे दी। सुरेन्द्र सागर और उनके कार्यकर्ताओं ने 29 अगस्त को बड़ा समारोह आयोजित करने की तैयारियां शुरू कर दीं। क्षेत्र में हजारों निमंत्रण पत्र बंट गये, इस बीच सुरेन्द्र सागर से कह दिया गया कि धर्मेन्द्र यादव समारोह में नहीं आ पायेंगे, इसके बाद समारोह निरस्त कर दिया गया, यह सूचना क्षेत्र में पहुंची तो, जोश में आये कार्यकर्ता और समर्थक एक बार फिर मायूस हो गये, साथ ही क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चायें होने लगीं।

उद्घाटन करने की सहमति देने के बाद निरस्त कर देने के पीछे समाजवादी पार्टी और धर्मेन्द्र यादव द्वारा कोई कारण सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन, सूत्रों का कहना है कि कैप्टन अर्जुन प्रताप सिंह के कारण कार्यक्रम निरस्त हुआ है, क्योंकि निमंत्रण पत्र पर मुख्य अतिथि के रूप में धर्मेन्द्र यादव का नाम है, साथ ही पूर्व राज्यमंत्री व सपा विधायक ओमकार सिंह यादव, डॉ. यासीन उस्मानी, जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव को अति विशिष्ट अतिथि बनाया गया एवं पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष यादव, डीसीबी के पूर्व चेयरमैन ब्रजेश यादव और कैप्टन अर्जुन प्रताप सिंह को विशिष्ट अतिथि बनाया गया।

कैप्टन अर्जुन दातागंज विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी में टिकट के दावेदार हैं, वहीं सपा जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव के पुत्र अवनीश यादव भी दावेदार हैं, ऐसा करने से सुरेन्द्र सागर क्रीज पर आते ही बोल्ड हो गये। कार्यक्रम निरस्त होने से सुरेन्द्र सागर का अपमान नहीं हुआ है। कार्यकर्ता और समर्थक यही कह रहे हैं कि दबाव में कार्यक्रम निरस्त किया गया है। कार्यालय का उद्घाटन करने से सुरेन्द्र सागर विधायक थोड़े ही बन जाते और न ही इससे उनका पार्टी में टिकट पक्का हो जाता। टिकट की घोषणा न होने तक सुरेन्द्र सागर और उनकी टीम भी पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करती, जबकि अब नाराज कार्यकर्ता नुकसान भी कर सकते हैं। सवाल यह है कि कार्यकर्ताओं और समर्थकों के विपरीत कार्य करने से अथवा, गुटबंदी को बढ़ावा देने से समाजवादी पार्टी मजबूत कैसे होगी?

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