जनप्रतिनिधियों के एजेंट बन कर मलाई खा रहे हैं विपक्षी नेता, भाजपा कार्यकर्ता मायूस

जनप्रतिनिधियों के एजेंट बन कर मलाई खा रहे हैं विपक्षी नेता, भाजपा कार्यकर्ता मायूस

बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रात-दिन कड़ी मेहनत कर के समाजवादी पार्टी को गढ़ में से उखाड़ फेंका। जिले में चारों दिशाओं में कार्यकर्ताओं के समर्पण के कारण भगवा लहरा रहा है। हर संस्था में भारतीय जनता पार्टी का बहुमत है लेकिन, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को अधिकांश स्थानों पर अपेक्षित सम्मान तक नहीं मिल रहा है। हालात इतने भयावह हैं कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर विपक्षी नेता ही खुलेआम ठेकेदारी कर रहे हैं, जिससे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मायूस दिखाई दे रहे हैं।

बात जिला पंचायत और नगर निकायों की करें तो, यहाँ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता टिक भी नहीं पा रहे हैं। कमीशनखोरी के खेल के चलते हर जगह विपक्षी के नेता ही हावी दिखाई दे रहे हैं। बताया जाता है कि नगर पंचायत अलापुर, वजीरगंज, सैदपुर, बिसौली और इस्लामनगर में तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता घुस तक नहीं सकते हैं, इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का ही हाथ बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि कहीं चेयरमैन विपक्ष का है, कहीं चेयरमैन दबंग है तो, कहीं बाबू विपक्षी मानसकिता के हैं, कहीं ईओ भ्रष्ट हैं, जिससे वे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात तक नहीं करते। कुछेक चेयरमैन, बाबू और ईओ किसी न किसी जनप्रतिनिधि के एजेंट हैं, जो उन्हें मोटी रकम पहुंचाते हैं, उनकी शक्ति पाने से कई चेयरमैन, ईओ, बाबू और विपक्षी नेता आम कार्यकताओं का अपमान कर रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के संगठन के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं का समायोजन कराने के बारे में विचार तक नहीं करते, जिससे आर्थिक दृष्टि से कार्यकर्ता लगातार पिछड़ रहे हैं, वहीं विपक्ष के नेता लगातार करोड़ों रुपया पैदा कर रहे हैं और कीमती कारें खरीद रहे हैं, जो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को हराने के लिए ही कार्य करेंगी। भारतीय जनता पार्टी के संगठन की अनदेखी और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से विपक्ष के नेता लगातार समृद्ध हो रहे हैं, जिसका दुष्परिणाम लोकसभा चुनाव में स्पष्ट दिखाई देखा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में धन कमा कर लाई जा रहीं कारों पर विपक्ष के ही झंडे लहलहाते हुए दिखाई दे रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो, पश्चाताप करने का भी अवसर नहीं मिलेगा, इस सबका दुष्परिणाम लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को झेलना पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं बचेगा, वहीं विपक्ष के नेता दोगुना ऊर्जा से विरोध करेंगे, इस सबकी कल्पना अभी भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी कर नहीं पा रहे हैं।

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