नर्स को हमबिस्तर बनाने को हथकंडे इजाद कर रहे थे मनोज और नाजिम

नर्स को हमबिस्तर बनाने को हथकंडे इजाद कर रहे थे मनोज और नाजिम

बदायूं के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में शुक्रवार को हुए गोली कांड से पहले लिपिक और डीपीएन के बीच मोबाईल पर बात हुई थी, जिसमें अश्लील बातों के साथ गाली-गलौच भी हुई। मोबाईल पर हुए विवाद के बाद ही गोली कांड हुआ था। ऑडियो सुनने से यह स्पष्ट हो रहा है कि महिला कर्मी के बारे में पुरुष कर्मियों की किस हद की घृणित सोच थी। पीड़ित नर्स ने भी मुकदमा दर्ज करा दिया है।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय में सनसनीखेज गोली कांड हुआ था। घटना की पृष्ठभूमि में बताया गया कि कादरचौक में तैनात एक नर्स सीएमओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक सुरेश कुमार की परिचित है, इस नर्स के साथ संविदा कर्मी वीपीएन नाजिम छेड़छाड़ करता था। नाजिम की हरकतों के बारे में नर्स ने सुरेश से शिकायत की, तो सुरेश ने नाजिम को समझा दिया, इसके बाद डीपीएन मनोज कुमार ने भी नर्स के साथ छेड़छाड़ की, तो नर्स ने पुनः सुरेश से शिकायत की, जिस पर सुरेश ने मनोज से भी मना किया, जिसके बाद देर शाम नाजिम और मनोज सीएमओ कार्यालय के कमरा नंबर- 8 में आकर सुरेश से झगड़ने लगे। सुरेश ने दोनों को कमरे से बाहर निकाल कर किवाड़ें बंद कर लीं, तभी नाजिम ने गोली मार दी। गोली किवाड़ को चीरते हुए सुरेश के कंधे पर जा लगी, जिसका सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।

उक्त प्रकरण से संबंधित ही एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें सुरेश और मनोज के बीच हुई वार्ता है, इस ऑडियो के सुनने से यह स्पष्ट हो रहा है कि महिला कर्मी के बारे में पुरुष कर्मियों की सोच किस हद तक घृणित थी। बताते हैं कि नर्स पर दबाव बनाने के लिए नाजिम और मनोज फर्जी शिकायतें भी करा रहे थे एवं सुरेश से भी हमबिस्तर बनाने को कह चुके थे। पीड़ित नर्स ने थाना कादरचौक में मनोज और नाजिम के विरुद्ध यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया है, दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं।

गोली लगने से किवाड़ में हुआ छेद, घायल लिपिक व मौके पर तैनात पुलिस।

खैर, उक्त घटना क्रम से यह तो स्पष्ट हो ही रहा है कि समाज ने चाहे जितनी तरक्की कर ली हो, पर पुरुषों की संकीर्ण सोच अभी भी नहीं बदली। महिला को सिर्फ शरीर ही समझा जा रहा है, उसके शरीर को भोगने के लिए तरह-तरह के हथकंडे इजाद किये जा रहे हैं। समय और सरकार चाहते हैं कि बेटियों को पढ़ाया जाये, उन्हें हर क्षेत्र में बराबर की भागीदारी दी जाये, लेकिन यह सब अभी इतना आसान नहीं है। महिला को जॉब करने के लिए कोई एक संरक्षक बनाना ही पड़ता है, जो बदले में शरीर ही भोगता है।

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