योगेन्द्र सागर की जिद मानी गई तो गुटबंदी का शिकार हो सकती है भाजपा

योगेन्द्र सागर की जिद मानी गई तो गुटबंदी का शिकार हो सकती है भाजपा

बदायूं जिले के कद्दावर नेता माने जाने वाले पूर्व विधायक व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री योगेन्द्र सागर के कई चहेते समाजवादी पार्टी में चले गये। योगेन्द्र सागर जमानत निरस्त होने के चलते न्यायिक कार्यों में न सिर्फ व्यस्त थे बल्कि, जिले से ही बाहर थे, इसलिए माना जा रहा था कि उनके न होने के कारण उनके चहेते भाग रहे हैं और संभावना जताई जा रही थी कि वे आकर सब सही कर लेंगे पर, हुआ उल्टा। सपा में जा चुके लोगों को वापस लाने की जगह वे भाजपा में ऐसे व्यक्ति को लाना चाहते हैं, जिसकी छवि भाजपा के आम कार्यकर्ताओं के बीच बेहद खराब है।

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परिसीमन से पहले बिल्सी विधान सभा क्षेत्र सुरक्षित था, यहाँ योगेन्द्र सागर कई बार विधायक रहे हैं, वे बसपा सुप्रीमो मायावती को कड़ी टक्कर दे चुके हैं, मायावती मात्र 2400 वोटों के अंतर से जीत पाई थीं, जिससे योगेन्द्र सागर को उस समय भाजपा द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया, इस क्षेत्र में योगेन्द्र सागर की मजबूत पकड़ है, यहाँ के हजारों लोग आज भी इंतजार कर रहे हैं योगेन्द्र सागर संकेत करें तो, वे खुल कर चुनाव लड़ाने लगें पर, योगेन्द्र सागर इधर प्रचार करने नहीं गये हैं।

परिसीमन के बाद बिल्सी सामान्य क्षेत्र हो गया और बिसौली सुरक्षित तो, यहाँ से योगेन्द्र सागर स्वयं नहीं लड़े, उन्होंने बेटे कुशाग्र सागर को टिकट दिलाया। बेटा जीत गया पर, वर्तमान में उनका क्षेत्र में विरोध नजर आ रहा है। अधिकांश गांवों में यही शिकायत की जा रही है कि विधायक मिलते नहीं, इस पर कुशाग्र सागर भाषण देने से पहले क्षमा भी मांगते नजर आते हैं।

बिसौली और बिल्सी में योगेन्द्र सागर की मजबूत पकड़ है, यहाँ प्रचार करने की जगह वे बदायूं विधान सभा क्षेत्र में दखल दे रहे हैं। वजीरगंज की ब्लॉक प्रमुख के पति अरविन्द वार्ष्णेय को भाजपा में शामिल कराना चाहते हैं। अरविन्द वार्ष्णेय समाजवादी पार्टी में रहे हैं, वे पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा के बेहद करीबी माने जाते थे। ब्लॉक प्रमुख के शपथ ग्रहण समारोह में आबिद रजा हेलीकॉप्टर से आकर शामिल हुए थे, इस सबसे भाजपा के समर्थक अरविन्द वार्ष्णेय से बेहद नाराज बताये जाते हैं, इसलिए क्षेत्र के अधिकांश पदाधिकारी उन्हें भाजपा में नहीं लेना चाहते पर, योगेन्द्र सागर ने संगठन में पूरी शक्ति लगा दी है, जिससे भाजपा चुनाव के बीच दो भागों में बंट सकती है।

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