नये डीएम को पता लगाना होगा कि कहाँ गई 75 लाख रूपये की प्रतिबंधित पॉलिथिन

नये डीएम को पता लगाना होगा कि कहाँ गई 75 लाख रूपये की प्रतिबंधित पॉलिथिन

बदायूं में तेजतर्रार, ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ जिलाधिकारी के रूप में पहचान बनाने वाले दिनेश कुमार सिंह कार्यभार त्याग कर सोमवार को चले गये, वे किसी को कार्यभार देकर नहीं गये हैं। दिनेश कुमार सिंह को विदा करते समय यह कहते हुए कई लोग भावुक हो गये कि वे और उनका कार्यकाल सदैव याद किया जायेगा। दिनेश कुमार सिंह ने कई उल्लेखनीय कार्य किये थे, जो लंबे समय तक चर्चा का विषय बने रहेंगे। उम्मीद की जा रही है नये जिलाधिकारी कुमार प्रशांत वहीं से शुरुआत करेंगे, जहाँ से दिनेश कुमार सिंह छोड़ कर गये हैं।

दिनेश कुमार सिंह ने तमाम उल्लेखनीय कार्य किये थे, जो आम जनता के संज्ञान में हैं ही, इसी तरह दिनेश कुमार सिंह के संज्ञान में मई माह में लाया गया था कि शहर में प्रतिबंधित पॉलिथिन खुलेआम बेची जा रही है, इस सूचना को उन्होंने बेहद गंभीरता से लिया और तत्काल सिटी मजिस्ट्रेट केके अवस्थी और ईओ संजय तिवारी को कार्रवाई करने हेतु भेज दिया। नगर पालिका के गेट पर स्थित दुकान पर 8 मई को छापा मारा गया, यहाँ बंटी गुप्ता की फर्म गुप्ता ट्रेडिंग कंपनी पर प्रतिबंधित पॉलिथिन और गिलास वगैरह पकड़े गये, साथ ही बंटी गुप्ता के मीरा सराय में चार गोदाम बताये गये, जिन्हें सील कर दिया गया और बंटी गुप्ता पर 25 हजार रूपये का जुर्माना भी डाला गया।

उक्त प्रकरण में चौंकाने वाली बात यह है कि सिटी मजिस्ट्रेट केके अवस्थी और ईओ संजय तिवारी द्वारा लगवाई गई सील को तोड़ कर चारों गोदामों से प्रतिबंधित पॉलिथिन लापता हो गई। बताते हैं कि चारों गोदामों में लगभग 75 लाख रूपये का प्रतिबंधित माल था, जिसके सील बंद ताले के बावजूद गायब होने से किसी को कोई अंतर नहीं पड़ा। दिनेश कुमार सिंह को चार गोदामों से प्रतिबंधित पॉलिथिन गायब होने की सूचना संभवतः किसी ने नहीं दी वरना, वे दोषियों को जेल भिजवाये बिना नहीं मानते। अब उम्मीद की जा रही है कि इस कार्य को नये जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ही करेंगे।

इसी तरह कछला स्थित भागीरथी के तट पर 14 जनवरी से की जा रही गंगा आरती को लेकर दिनेश कुमार सिंह जिले भर में वाह-वाह लूटते रहे हैं पर, आज तक आम जनता को यह नहीं पता कि गंगा आरती पर खर्च होने वाला रुपया कहां से आता है, कितना आता है और किस तरह खर्च होता है, इसके हिसाब का कोई रजिस्टर भी नहीं बताया जाता है, ऐसे में बैंक एकाउंट होने की कल्पना करना भी सही नहीं कहा जायेगा। दिनेश कुमार सिंह की गंगा के प्रति गहरी आस्था-श्रद्धा थी, जिससे उनका ध्यान धन की ओर गया ही नहीं होगा वरना, वे यह सब मौखिक नहीं होने देते। बताते हैं कि छोटी सी नगर पंचायत कछला पर दबाव बना कर अतिरिक्त धन खर्च करवा लिया है, जिससे वहां कर्मचारियों का वेतन तक नहीं निकल पा रहा है, ऐसा दिनेश कुमार सिंह को अँधेरे में रख कर ही किसी ने कराया होगा, यह सब क्यों और कौन करा रहा था, इसका नये जिलाधिकारी कुमार प्रशांत पता लगवा कर कार्रवाई अवश्य करायेंगे, ऐसी संभावना जताई जा रही है।

बताया जाता है कि गंगा आरती को लेकर दिनेश कुमार सिंह की प्रशंसा प्रदेश स्तर तक की जाती है। गंगा आरती में यौन शोषण के आरोपियों और घोटालों के आरोपियों को बुला कर उनके साथ आरती करने को लेकर भी दिनेश कुमार सिंह याद किये जाते रहेंगे। गंगा मैया की कृपा हो तो, हर आरोप धुल जाता है, इसलिए वे कानून की जगह गंगा मैया की अदालत को वरीयता देते होंगे, उनका आशय दंडित करने की जगह अपराधी को सुधारने का रहा होगा तभी, अपराधियों को आरती में बुलाते थे लेकिन, चिन्मयानंद पर दुष्प्रभाव पड़ा, उस पर यौन शोषण का एक आरोप था लेकिन, दिनेश कुमार सिंह द्वारा बुला कर आरती कराने के बाद चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का एक और आरोप लग गया, इस संबंध में नये जिलाधिकारी कुमार प्रशांत क्या निर्णय लेंगे, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

6-7 अक्टूबर की रात में कछला में 22 गाय, बैल बछड़े मर गये थे, इस बारे में बताया गया कि हरे चारे में भूसा नहीं मिलाने से मौत हुई, इसके बाद शेष गाय आनन-फानन में हटवा दी गईं, उन्हें बिनावर क्षेत्र की गोशाला भेज दिया गया, जिससे सवाल उठता है कि जिस कछला में दिनेश कुमार सिंह प्रतिदिन जाते थे, वहां फर्जी गोशाला कैसे चल पा रही थी और फर्जी गोशाला को लेकर कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं कराई गई, घोटाले की जांच क्यों नहीं कराई गई, इस हृदय विदारक घटना को लेकर भी उम्मीद जताई जा रही है कि नये जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ही कार्रवाई करायेंगे।

जिलाधिकारी के पास जिला मजिस्ट्रेट की भी शक्ति होती है। जिलाधिकारी मानवाधिकारों के संरक्षक भी होते हैं लेकिन, दिनेश कुमार सिंह ने पुलिस द्वारा गलत तरीके से प्रस्तावित लोगों पर गुंडा एक्ट लगवा दिया, जिसे न्यायाधीश ने गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव (गृह) को पत्र लिखा और जाँच व कार्रवाई की अपेक्षा की गई। किसी जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध न्यायाधीश पत्र लिखें, ऐसा कम ही देखने को मिलता है, ऐसे दुर्लभ प्रकरण दिनेश कुमार सिंह के कारण बदायूं में घटित हो गया, इस संबंध में भी नये जिलाधिकारी कुमार प्रशांत अवश्य कार्रवाई करायेंगे।

और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि दिनेश कुमार सिंह ने जिलाधिकारी कार्यालय और आवास के द्वार दर्जन भर विद्वानों के लिए पूरी तरह खोल दिए थे, वे सुबह से शाम तक चाय-कॉफ़ी और एसी का मजा लेते थे और शाम को दिनेश कुमार सिंह के साथ जाकर कछला स्थित गंगा आरती में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करते थे, ऐसा कहा जाता है कि विद्वानों की राय से ही दिनेश कुमार सिंह लोकप्रिय साबित हुए, इनमें से किसी भी व्यक्ति का नये जिलाधिकारी दिल नहीं दुखायेंगे और दिनेश कुमार सिंह की भांति ही उनके लिए कार्यालय और आवास के द्वार खुले रखेंगे ताकि, उन सब विद्वानों की योग्यता का लाभ जिले को मिलता रहे।

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