भगवान सिंह शाक्य के कारण अंतिम पड़ाव तक पहुंच गया महोत्सव

भगवान सिंह शाक्य के कारण अंतिम पड़ाव तक पहुंच गया महोत्सव

बदायूं जिले के प्रभावशाली भाजपा नेता पूर्व राज्यमंत्री भगवान सिंह शाक्य आम नेताओं की तरह शातिर नहीं हैं, वे किसी पर भी आसानी से विश्वास कर लेते हैं। भगवान सिंह शाक्य की उदारता का कई लोग समय-समय पर दुरूपयोग करते रहे हैं, उनकी उदारता का एक बार फिर दुरूपयोग कर लिया गया। अमन मयंक शर्मा नाम के लड़के ने उन्हें गौरव महोत्सव में उलझा दिया लेकिन, सच्चाई सामने आने पर उन्होंने स्वयं मोर्चा संभाल लिया, जिससे महोत्सव अंतिम पड़ाव तक पहुंच गया।

पूर्व राज्यमंत्री भगवान सिंह शाक्य का नाम जुड़ा होने से राज्यपाल राम नाइक ने गौरव महोत्सव का उद्घाटन करने की सहमति दे दी थी, उनके कारण ही सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेम स्वरूप पाठक, जिलाध्यक्ष हरीश कुमार शाक्य, भाजयुमो जिलाध्यक्ष अंकित मौर्य, महामंत्री सुधीर श्रीवास्तव, वरिष्ठ नेता अशोक भारती, धीरज सक्सेना, धारम सिंह शाक्य, युवा नेता विश्वजीत गुप्ता सहित अन्य तमाम पदाधिकारी गौरव महोत्सव के मंच तक आ गये। पिता का नाम जुड़ जाने के कारण विधायक धर्मेन्द्र शाक्य “पप्पू भैया” और छोटे बेटे सन्नी शाक्य ने भी मोर्चा संभाल लिया, इन सब लोगों के जुट जाने से महोत्सव अंतिम पड़ाव तक पहुंच गया, वरना महोत्सव में और भी ऐसी बड़ी वारदात घटित होने की संभावना जताई जा रही थी, जिसका दाग सदियों तक नहीं छुटता।

जिस लड़के अमन मयंक शर्मा ने आगे आकर महोत्सव करने का दायित्व लिया था, उसे न अनुभव है, न गंभीरता है और न ही उसका साहित्य से कोई संबंध है, इसलिए अधिकांश लोग पहले ही मान रहे थे कि इस महोत्सव में कोई बड़ा बवाल होगा। आशा के अनुरूप जितना हुआ, वह कम ही है। भगवान सिंह शाक्य स्वयं रूचि नहीं लेते तो, बदनामी का ऐसा दाग लगता कि भविष्य में कई दशकों तक कोई साहित्यकार बदायूं आने को तैयार नहीं होता। अमन मयंक शर्मा महोत्सव से न जुड़ा होता तो, निश्चित ही गौरव महोत्सव का समारोह यादगार रहता।

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