बंदर की मौत, चुनाव में सपाईयों को परेशानी पैदा करेगी अंडर ग्राउंड केबिल

बदायूं शहर में डाली गई बिजली की अंडर ग्राउंड लाइन हादसों की लाइन बनती जा रही है। कभी गाय चिपक जाती है, कभी बंद चिपक जाता है, जिससे बच्चे पूरी तरह असुरक्षित माने जा रहे हैं। अंडर ग्राउंड केबिल की शहर में दहशत बढ़ती जा रही है।

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उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में बिजली की अंडर ग्राउंड केबिल डालने का आदेश हुआ था। समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अंडर ग्राउंड केबिल और तमाम विकास कार्यों को लेकर सांसद धर्मेन्द्र यादव को विकास पुरुष की उपाधि दी थी। केबिल पड़नी शुरू हुई तो, शहर की सड़कें गड्डों में तब्दील हो गईं, जिन पर चलना दूभर हो गया, फिर लोग केबिल की आलोचना करने लगे।

सपा के निवर्तमान विधायक और पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा ने अंडर ग्राउंड केबिल डालने से टूट रही सड़कों का मुद्दा गंभीरता से उठाया था। अंडर ग्राउंड केबिल को लेकर जमकर बवाल हुआ था। प्रकरण उच्च न्यायालय तक गया था, जिसके बाद नगर पालिका परिषद को मुआवजा भी दिया गया था। अब कई हिस्सों में सप्लाई शुरू हो गई है, जिससे दुष्परिणाम भी निरंतर सामने आ रहे हैं।

अंडर ग्राउंड केबिल के बॉक्स जमीन से तीन-चार फुट ऊंचे लगे हैं, जो बच्चों की पहुंच में हैं। बॉक्स की चपेट में आकर कई गाय मर चुकी हैं। डीबी शाक्य के अस्पताल के पास एक बंदर भी चिपक गया और मर गया। कई मोहल्लों में बरसात के दिनों में तीन-चार फुट तक पानी भर जाता है, ऐसे मोहल्लों में बॉक्स पानी में ही डूब जायेंगे।

गौतम संदेश ने अंडर ग्राउंड केबिल को लेकर पिछले दिनों पोल भी चलाया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने केबिल के विरोध में वोट दिया था। अंडर ग्राउंड केबिल की समाजवादी पार्टी के नेता अब चर्चा भी नहीं करते, जबकि शुरुआत में उपलब्धि बताते थे। लोकसभा चुनाव में अंडर ग्राउंड केबिल के दुष्परिणाम सपा प्रत्याशी को भी झेलने पड़ सकते हैं।

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