शिक्षा और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है डीपीएस, छात्राओं को बनाई है विशेष विंग

शिक्षा और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है डीपीएस, छात्राओं को बनाई है विशेष विंग

बदायूं जिले में शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल लगातार प्रयासरत है। बीते वर्ष- 2020 में डीपीएस की शाखा शहर में खुली लेकिन, कोविड- 19 के चलते लॉक डाउन लग गया, इसके बावजूद कुछ महीनों में ही डीपीएस शहर और जिले में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल हो गया है। उपलब्धियों और चुनौतियों को लेकर मंगलवार को गौतम संदेश की ओर से कुलदीप शर्मा ने डीपीएस की प्रिंसिपल चारूल अग्रवाल से वार्ता की।

दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल चारूल अग्रवाल ने बताया कि वे बीते 27 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवायें दे रही हैं। उन्होंने बताया कि बदायूं में शिक्षा का स्तर अन्य जिलों के मुकाबले काफी पिछड़ा हुआ था, जिसको देखते हुये उन्होंने बदायूं में अपनी सेवायें देने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जब अन्य सभी स्कूलों में पढ़ाई ठप हो गयी थी, तब भी दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रबंध समिति की ओर से एक सजग कदम उठाया गया। बच्चों को ऑन लाइन शिक्षा देने के लिये सभी शिक्षकों को गाइड लाइन जारी की गयी। सभी की रोजाना ही मॉनिटरिंग की गयी ताकि, बच्चों की शिक्षा पर कोई भी प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

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उन्होंने बताया कि विद्यालय में पढ़ने वाले सभी बच्चों को कोरोना से बचाव के लिये सभी जरूरी इंतजाम किये गये, बच्चों को सेनेटाइज कराना, साथ ही स्कूल में प्रवेश से पूर्व सभी की थर्मल स्क्रीनिंग भी कराई जाती है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में अभिभावक बच्चों को एक भरोसे के साथ भेजते हैं, जिससे हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनके भरोसे को कायम रखें। उन्होंने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए जो शिक्षक नियुक्त किये गये हैं, उन्हें कई साक्षात्कार और परीक्षा देने के बाद नियुक्त किया गया है ताकि, डीपीएस के बच्चे जिले में संचालित अन्य स्कूलों के बच्चों से बेहतर प्रदर्शन करें।

छात्राओं के लिए एक अलग विंग का गठन किया गया है, जिसमें छात्रायें ऐसी बातों को भी बेझिझक शिक्षकों से साझा कर सकती हैं, जिन बातों को वे अपने माता-पिता से साझा नहीं कर पाती हैं। उन्होंने कहा कि वे इस विंग का स्वयं नेतृत्व करती हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय में सभी त्यौहारों को मनाया जाता है, क्योंकि विद्यालय किसी भी एक धर्म का प्रचार-प्रसार करने का स्थान नहीं होता है, ऐसे में हम बच्चों को सभी धर्मों का सम्मान करने के लिये भी प्रेरित करते हैं।

उन्होंने कहा कि अब जब होली का अवकाश हो गया है, इसके बाद 31 मार्च तक सभी बच्चों का परीफल वितरित कर दिया जायेगा, साथ ही नये सत्र का शुभारंभ 5 अप्रैल से हो जायेगा। उन्होंने कहा कि स्कूल में प्रवेश के लिये आखिरी बार मौका और दिया जा रहा है, जिसके लिए 24 मार्च को प्रवेश परीक्षा का आयोजन विद्यालय में ही होगा, इसमें बच्चे प्रतिभाग कर सकते हैं।

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