तुम अंक से बिछुड़ कर अब शून्य हो गये हो… नरेंद्र गरल

तुम अंक से बिछुड़ कर अब शून्य हो गये हो… नरेंद्र गरल

प्रसिद्ध कवि, गीतकार और गजलकार नरेंद्र गरल की उन्हीं की जुबानी एक और रचना पेश है। करुणा और अध्यात्म के सटीक तालमेल के चलते रचना अद्भुत हो गई है। प्रसिद्ध रचनाकार नरेंद्र गरल ने सरलता से बड़ी बात कह दी है। बड़ी बात को आसानी कह देना ही नरेंद्र गरल की बड़ी खूबी है। पढ़ें: […]

… एक चितवन से पराजित हो गई है जिंदगी: नरेन्द्र गरल

… एक चितवन से पराजित हो गई है जिंदगी: नरेन्द्र गरल

प्रसिद्ध कवि नरेंद्र गरल की एक प्रसिद्द गजल है, जिसे सुनो तो, सुनते ही रहने का मन करता है। गजल का एक-एक शब्द अंदर तक तरल पदार्थ की तरह घुलता सा महसूस होता है। बड़ी बात इतनी सहजता से कही गई है कि सबके मन को छूते हुए दिल में उतर जाती है। गरल जी […]