विवादों से बचने को परिवार सहित गाँव छोड़ गये थे कमलनाथ के पिता

विवादों से बचने को परिवार सहित गाँव छोड़ गये थे कमलनाथ के पिता

मध्य प्रदेश के नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ को पश्चिम बंगाल का मूल निवासी माना जाता है, जबकि यह सच नहीं है, वे उत्तर प्रदेश के जिला बरेली में स्थित चर्चित गाँव अतरछेंड़ी के मूल निवासी हैं, इसके बावजूद वे उत्तर प्रदेश के लोगों को अब बाहरी मान रहे हैं, उनके पिता ने विवादों से बचने के कारण गाँव छोड़ दिया था।

बताते हैं कि गाँव अतरछेंड़ी निवासी उच्च शिक्षित स्वर्णकार (सुनार) परिवार के डॉ. केदारनाथ के तीन बेटे थे, सबसे बड़े बेटे पद्मश्री डॉ. धर्मेंद्रनाथ इलाहाबाद बोर्ड के चेयरमैन थे, जिससे वे इलाहाबाद में बस गए। दूसरे नंबर के डॉ. सत्येंद्रनाथ दिल्ली में स्पेयर पार्ट्स का कारोबार करते थे, जिससे उनका परिवार दिल्ली में ही बस गया। तीसरे नंबर के बेटे डॉ. महेंद्रनाथ थे, जिनकी तीसरी पत्नी लीलानाथ से कमलनाथ का जन्म हुआ।

बरेली-चंदौसी रेलवे लाइन के किनारे करीब एक किमी दूर गाँव अतरछेंड़ी बसा हुआ है। बताया जाता है कि गाँव अतरछेंड़ी में डॉ. महेंद्रनाथ ने स्कूल खोला था, जिसमें वे पढ़ाते भी थे पर, स्कूल में असामाजिक तत्व अक्सर बवाल करते थे। ठाकुर बाहुल्य गाँव अतरछेंड़ी लंबे समय से विवादित माना जाता है, इस गाँव की दबंगई का आलम यह रहा है कि चलती हुई ट्रेन को गाँव से बाहर निकलते हुए कोई भी व्यक्ति हाथ से रुकने का इशारा कर देता था तो, ट्रेन खड़ी हो जाती थी। बताया जाता है कि विवादों से बचने के कारण ही डॉ. महेंद्रनाथ ने गाँव छोड़ दिया था।

बताते हैं कि कमलनाथ की शुरुआती शिक्षा देहरादून के शालेय शिक्षा निकेतन में हुई थी, जहाँ संजय गांधी उनके सहपाठी थे, जिसके चलते गाँधी परिवार से गहरे रिश्ते बन गये, जो समय के साथ और प्रगाढ़ होते रहे। रिश्तों के चलते ही कमलनाथ कांग्रेस में स्थापित हो गये और लोकसभा चुनाव लड़ गये, वे नौ बार सांसद बन चुके हैं, केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई मंत्रालय संभाल चुके हैं, अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।

कमलनाथ की पत्नी अलकानाथ हैं, इनसे नकुलनाथ और बकुलनाथ नाम के दो बेटे हैं। कमलनाथ लेखक भी हैं, इनकी इंडियाज एनवायरनमेंटल कंसर्न्स, इंडियाज सेंचुरी और भारत की शताब्दी नाम की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, इन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिल चुकी है, साथ ही उन्हें बिजनेस टायकून भी कहा जाता है, वे 23 से भी ज्यादा कंपनियों के स्वामी बताये जाते हैं, जिन्हें उनके बेटे नकुलनाथ और बकुलनाथ संभालते हैं।

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