कांग्रेस के डंडे में भगवा फहराने से दिग्विजय सिंह ने बढ़ाई बेचैनी

कांग्रेस के डंडे में भगवा फहराने से दिग्विजय सिंह ने बढ़ाई बेचैनी

भारतीय राजनीति के आकाश में दिग्विजय सिंह ऐसे स्थान पर विराजमान हैं, जहाँ उन्हें कोई अनदेखा नहीं कर सकता। कुछ करने से सब चर्चाओं में रह सकते हैं, लेकिन दिग्विजय सिंह एक मात्र ऐसे राजनेता हैं, जो कुछ न करने पर और अधिक चर्चाओं में रहते हैं। हाल-फिलहाल दिग्विजय सिंह पत्नी अमृता राय के साथ नितांत व्यक्तिगत और धार्मिक यात्रा में मग्न हैं, इस बीच गुजरात और हिमाचल प्रदेश में नई विधान सभा गठित हो गई, इस दौरान तमाम विवादित भाषण सामने आये, लेकिन दिग्विजय सिंह यात्रा में इस तरह व्यस्त रहे, जैसे उन्हें पता ही नहीं कि कहीं कुछ हो रहा है। कांग्रेस के अध्यक्ष की गद्दी राहुल गाँधी को सौंप दी गई, इस पर भी उन्होंने कोई टीका-टिप्पणी नहीं की। पूरे धैर्य और पूरे संयम के साथ वे सिर्फ नर्मदा यात्रा के माध्यम से पुण्य लाभ ले रहे हैं।

धनाढ्य वर्ग को गर्मी में एसी और शीत ऋतु में हीटर वातावरण के परिवर्तित होने की अनुभूति ही नहीं होने देते, कोठी की अंतिम सीढ़ी पर ड्राईवर कार का द्वार खोले मिलता है, जिससे ऐसे लोगों को यह भी पता नहीं होता कि आवागमन में भी कठिनाईयां होती होंगी, ऐसे लोगों को मध्यम रौशनी, मधुर संगीत, अथवा साउंड प्रूफ रूम में ही नींद आती है, ऐसा जीवन जी रहे लोगों की ऐश्वर्य और वैभव त्यागने की कल्पना मात्र से नींद उड़ जाती है। ऐश्वर्य और वैभव दिग्विजय सिंह और अमृता राय के भी अधीन है। भाजपा के उप-राष्ट्रपति निर्वाचित होने से पहले ही स्वाभिमान के चलते अमृता राय ने राज्य सभा चैनल से त्याग पत्र दे दिया था, जिसके बाद दोनों नर्मदा की 3300 किमी लंबी दुर्गम यात्रा पर निकल पड़े, इस यात्रा पर जाने का विचार करना और फिर निकल पड़ना ही अपने आप में बहुत बड़ी बात है, जिसे साधारण बुद्धि से नहीं समझा जा सकता, इस यात्रा पर दिग्विजय सिंह का जाना बड़ी बात है, तो साथ में अमृता राय का भी जाना और बड़ी बात है, इस यात्रा का शुद्ध रूप से धार्मिक लाभ होता दिख रहा है, लेकिन इस यात्रा से दोनों को राजनैतिक और उससे भी बड़ा सामाजिक लाभ मिलेगा, जिसका आने वाले समय में व्यापक स्तर पर असर भी दिखाई देगा।

खैर, धार्मिक यात्रा धैर्य और संयम से ही की जाती है, जिस पर दिग्विजय सिंह पूरी तरह खरा उतरते दिख रहे हैं, वे सोशल साइट्स पर भी नहीं झांक रहे हैं। चूँकि अमृता राय पत्रकार हैं, सो व्यस्ततम जीवन शैली के बीच थकान को किनारे रख कर वे फेसबुक पर यात्रा की चर्चा कर रही हैं, जिसे बहुत बड़ा वर्ग पसंद कर रहा है। दुर्गम, मनोहारी, विहंगम रास्तों और दृश्यों के साथ वे बच्चों, गरीबों, आदिवासियों एवं महिलाओं की समस्याओं से अवगत कराना भी नहीं भूल रही हैं।

उधर राजनीति के अखाड़े में विपक्षी पहलवान यात्रा को लेकर बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं। दिग्विजय सिंह कुछ करें और उसके कुछ मायने न हों, इसको लेकर प्रतिद्वंदी सो नहीं पा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के डंडे में भगवा फहरा रहे दिग्विजय सिंह पर इस समय हल्की टिप्पणी करना बहुत भारी पड़ सकता है, इसलिए चाह कर भी प्रतिद्वंदी कुछ नहीं कह पा रहे हैं। कट्टर हिंदुत्व की काट उदार हिंदुत्व ही हो सकता है, इसलिए प्रतिद्वंदी चिंतित हैं। मौन रह कर भी प्रतिद्वंदियों की नींद उड़ा देने की क्षमता दिग्विजय सिंह में ही है।

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