मुठभेड़ के बाद रेहान बरामद, अपहृता गिरफ्तार, सिपाही घायल, गंभीर

मुठभेड़ के बाद रेहान बरामद, अपहृता गिरफ्तार, सिपाही घायल, गंभीर
इनसेट में अपहृत छात्र रेहान एवं पकड़ा गया इनामी बदमाश मुखिया।

बदायूं में कासगंज की एसओजी टीम पर हमला हो गया, जिससे एक सिपाही घायल हो गया है। घायल सिपाही को प्राथमिक उपचार के बाद बरेली रेफर कर दिया गया है। घायल होने के बावजूद जांबाज टीम ने एक इनामी बदमाश को दबोच लिया, वहीं एसओजी ने अपहृत रेहान को भी बरामद कर लिया है।

गौरतलब है कि कासगंज जिले में सहावर क्षेत्र के गाँव हसनपुर निवासी इशाक पुत्र अबीबुल्ला गाजियाबाद में फर्नीचर का कारोबार करते हैं, उनका परिवार गांव में ही रहता है। इशाक के पुत्र रेहान (10) व फरहान (8) सीपीवी पब्लिक स्कूल सहावर में पढ़ते हैं, वह 27 सितंबर की सुबह रोज की तरह ही करीब 7:30 बजे स्कूल जाने के लिए गांव के अन्य बच्चों के साथ निकले। हसनपुर-पिथनपुर मार्ग पर पैदल चलते हुए बच्चे ईंट भट्ठा के पास पहुंचे, तभी बोलेरो सवार बदमाशों ने गाड़ी रोककर पहले इशाक के बच्चों के बारे में जानकारी की, उसके घर का पता पूछने के बहाने रेहान को गाड़ी में बैठा लिया और फिर उसको लेकर फरार हो गये।

घटना के संबंध में जब पता चला, तो हड़कंप मच गया। परिजन हाहाकार कर उठे। तमाम बच्चों के माता-पिता आक्रोशित हो उठे। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अफसरों ने रेहान की सकुशल बरामदगी के लिए एसओजी की टीम गठित कर दी। सर्विलांस और सूत्रों के आधार पर खोज करती हुई कासगंज की एसओजी टीम बीती रात बदायूं जिले के दातागंज क्षेत्र में स्थित गाँव धनौरा पहुंची, जहाँ अपहृता छुपे हुए थे। सूत्रों का कहना है कि अपहृताओं ने एसओजी टीम पर हमला कर दिया, जिससे सिपाही मानवेन्द्र घायल हो गया। घायल सिपाही को प्राथमिक उपचार के बाद बरेली रेफर कर दिया गया है, जहाँ मानवेन्द्र की हालत गंभीर बनी हुई है, इसके बावजूद कासगंज जिले में स्थित पटियाली क्षेत्र के गाँव नगला कुड़ी निवासी 5 लाख के इनामी बदमाश मुखिया को गिरफ्तार कर लिया है, इसके साथी भागने में सफल हो गये।

सूत्रों का कहना है कि एसओजी ने कासगंज जिले में रेहान को बरामद कर लिया है, जहां तीन अपहृता भी पकड़े गये हैं, उनकी निशानदेही पर ही टीम बाकी अपहृताओं को पकड़ने बदायूं आई थी, लेकिन उक्त घटनाक्रम के बारे में अभी कोई कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। कासगंज की एसओजी टीम ने बदायूं में घुसने की जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं दी। चौंकाने वाली बात यह है कि दातागंज क्षेत्र के कोतवाल को भी घटना के संबंध में कुछ नहीं बताया गया। स्थानीय पुलिस की कासगंज की एसओजी टीम ने मदद ली होती, तो मानवेन्द्र घायल होने से बच सकता था, साथ ही सभी बदमाश भी पकड़े जा सकते थे।

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