महिला होने के कारण सुरक्षित नहीं है आईएएस अफसर

महिला होने के कारण सुरक्षित नहीं है आईएएस अफसर

महिला होने के कारण एक आईएएस अफसर भी सुरक्षित नहीं है, यह चिंता का बड़ा विषय होना चाहिए। हालाँकि अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है कि आईएएस अफसर सही बोल रही है, लेकिन हाल-फिलहाल महिला अफसर का बोलना भी बड़ी बात कही जा सकती है। पीड़ित महिला आईएएस अफसर ने सोशल साइट्स पर वीडियो शेयर कर अपनी बात कही है, वहीं अफसरों को मेल भी किया है, जिस पर जाँच के आदेश दे दिए गये हैं।

घटना हरियाणा की है। डबवाली की एसडीएम रानी नागर अपनी जान को खतरा बता रही हैं। पीड़ित महिला आईएएस अफसर ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया है। रानी नागर का कहना है कि 23 दिसंबर 2017 की रात करीब 8.45 बजे घर पहुंची, तो उसके आवास की खिड़की टूटी हुई थी एवं डिश टीवी का बॉक्स ऑन था, इससे स्पष्ट है कि अपराधी उसके घर में घुसा था। पीड़ित ने 100 नंबर पर शिकायत की, तो कुछ नहीं हुआ, इसके बाद डीएसपी डबवाली को जानकारी दी, तब सिटी थाना एसएचओ हवा सिंह पहुंचे, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया।

रानी नागर का कहना है कि मैं अपने सरकारी आवास पर बिल्कुल अकेली रहती हूँ, मेरे आवास पर कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा है। मेरी सुरक्षा के लिए कोई गार्ड या कर्मचारी नहीं है, मैंने 19 सितंबर 2017 को एसडीएम डबवाली का पद संभाला था, उसे सैलरी भी देरी से मिली और उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो किसी सुरक्षाकर्मी को रख सके।

रानी नागर ने कहा कि 21 अक्टूबर 2016 को भी एक ऑटो ड्राइवर ने अपहरण करने का प्रयास किया था, जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। उक्त प्रकरण में उप-मंडलाधीश ने उप-पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं, पर पुलिस की कार्रवाई और भूमिका से पीड़ित संतुष्ट नजर नहीं आ रही है।

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