सक्रिय हुए डीपी यादव के गुर्गे, कार्रवाई की जगह पीड़ित को सुझाव देने लगी पुलिस

सक्रिय हुए डीपी यादव के गुर्गे, कार्रवाई की जगह पीड़ित को सुझाव देने लगी पुलिस
पीड़ित महिला सूरजमुखी

कुख्यात हत्यारा डीपी यादव भले ही सलाखों के पीछे है, लेकिन उसकी पहुंच हर जगह बरकरार है। कटारा हत्याकांड को लेकर चर्चित बेटी भारती यादव और दामाद यतेन्द्र राव को दहेज में देने के लिए कब्जाई गई जमीन के प्रकरण में पुलिस अब पीछे खिसकने लगी है। डीपी यादव के गुर्गों के सक्रिय होते ही पुलिस पीड़ित को टालने लगी है। पीड़ित को अब जिले की पुलिस से न्याय की उम्मीद नहीं है, वह आईजी-डीआईजी से मिलने जायेगी और तब भी न्याय नहीं मिला, तो मुख्यमंत्री दरबार में पेश होगी।

उल्लेखनीय है कि बदायूं जिले के थाना इस्लामनगर क्षेत्र में स्थित गाँव करियामई में स्थित 62 बीघा जमीन का बैनामा डीपी यादव ने ऐसे लोगों से बेटी भारती यादव और दामाद यतेन्द्र राव के नाम करा दिया, जो जमीन के मालिक ही नहीं थे। जमीन पर ईख की फसल खड़ी थी, जिसकी मालिक सूरजमुखी नाम की महिला है, लेकिन दबंगई के बल पर डीपी यादव, भारती यादव और यतेन्द्र राव आदि ने सशस्त्र लोगों की मदद से फसल सहित जमीन कब्जा ली, तब से पीड़ित निरंतर अफसरों के कार्यालयों के चक्कर लगा रही है, पर अफसर उसकी गुहार सुनने तक को तैयार नहीं थे।

पीड़ित के पक्ष को गौतम संदेश ने प्रकाशित किया, जिस पर बरेली जोन के आईजी ने बदायूं के एसएसपी को कार्रवाई कराने के निर्देश दे दिए, वहीं पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर एसएसपी ने गत सोमवार को सीओ बिल्सी को जांच सौंपी दी, साथ ही एसएसपी ने पीड़ित को आश्वस्त किया था कि पुलिस सही कार्रवाई करेगी। गत मंगलवार को उघैती थाना पुलिस गाँव करियामई पहुंची और मौका मुआयना किया। पुलिस ने पीड़ित के बयान दर्ज कर प्रकरण से संबंधित कागजातों को भी देखा, इसके बाद डीपी यादव के गुर्गे सक्रिय हो गये। गुर्गों से मुलाकात के बाद पुलिस की भाषा बदल गई। थाना पुलिस ने पीड़ित से कह दिया कि किसी बड़े अफसर के आदेश के बाद ही मुकदमा दर्ज होगा, वहीं अफसर कोर्ट जाने की सलाह देने लगे हैं, जबकि हथियारों के बल पर कब्जाने करने की रिपोर्ट तत्काल दर्ज करनी चाहिए थी। जिले की पुलिस की कार्य प्रणाली से त्रस्त पीड़ित अब आईजी-डीआईजी की शरण में जायेगी और वहां से भी न्याय नहीं मिला, तो वह मुख्यमंत्री के दरबार में पेश होगी। पीड़ित ने कहा कि सब कुछ होते हुए भी वह और उसका परिवार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं, इसलिए वह जान दे देगी, पर आरोपियों को दंड दिलाये बिना छोड़ेगी नहीं।

यहाँ भी बता दें कि रानेट तिराहे पर भी फर्जी पट्टे दिखा कर डीपी यादव ने करोड़ों रूपये कीमत की जमीन हड़प ली है, इस जमीन पर यदु सुगर मिल की स्थापना हो चुकी है, जिसका निदेशक डीपी यादव का छोटा बेटा कुनाल यादव है। मिल पर बैंक और गन्ना किसानों का करोड़ों रुपया बकाया है, पर प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है।

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