दाढ़ी देख कर नहीं मार रहे थे, अकरम को हिन्दुओं ने ही बचाया

दाढ़ी देख कर नहीं मार रहे थे, अकरम को हिन्दुओं ने ही बचाया

कासगंज हिंसा में घायल हुए लखीमपुर खीरी के निवासी अकरम का वीडियो सामने आया है, जिसमें वे घटनाक्रम के बारे में बताते हुए कह रहे हैं कि बहुत अच्छे लोग थे, जिन्होंने उन्हें बचाया, उनके कारण वे पत्नी-बच्चे से मिल सके। घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती अकरम शांति बनाये रखने का भी आह्वान कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी निवासी अकरम की अलीगढ़ में ससुराल है, उनकी गर्भवती पत्नी मायके में ही थी, 27 जनवरी को उनकी पत्नी का ऑपरेशन होना था, जिससे वे 26 जनवरी को ससुराल जा रहे थे। अकरम कासगंज पहुंचे, तब तक तिरंगा यात्रा को लेकर बवाल हो चुका था। चंदन की मौत के बाद हिंदू समुदाय की भीड़ प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थी। भीड़ के सामने अकरम की कार आ गई, तो पथराव के कारण शीशा टूट गया एवं एक पत्थर उनकी आँख में भी जा लगा, जिससे वे लहू-लुहान हो गये।

भीड़ पास पहुंची, तो लोगों ने उन्हें आगे बढ़ जाने को कहा। भीड़ ने उन पर हमला नहीं किया, जबकि कहा जा रहा था कि लोग दाढ़ी देख कर हमला कर रहे थे। अकरम के साथ उनकी नौकरानी भी थी, इससे भी भीड़ ने कुछ नहीं कहा। घायल अकरम को अलीगढ़ में भर्ती कराया गया था, जहाँ से उनका एक वीडियो सामने आया है।

अकरम घटनाक्रम के बारे में बताते हुए यह भी कह रहे हैं कि बहुत अच्छे लोग थे, जिनके कारण वो पत्नी-बच्चे से मिल सके। अकरम घायल होने के बावजूद शांति की अपील इसीलिए कर पा रहे हैं कि उन्हें दाढ़ी देख कर नहीं मारा गया। बताया जा रहा है कि अकरम की आंख में गहरी चोट है, जिसकी रौशनी के बारे में घाव सही होने के बाद ही बताया जा सकेगा।

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