कोरोना माहमारी को गंभीरता से नहीं ले रहे अफसर, अब भवानी सिंह से ही है आसरा

कोरोना माहमारी को गंभीरता से नहीं ले रहे अफसर, अब भवानी सिंह से ही है आसरा

बदायूं जिले में तबलीगी जमात का युवक कोरोना वायरस से ग्रस्त निकल आया है, इसके बाद से आम जनता की हंसी-खुशी गायब हो गई है। पुलिस-प्रशासन की लापरवाही को लेकर भी आम चर्चा होने लगी है। निचले स्तर के अफसर गलत तथ्य पेश कर रहे हैं, उन्हीं गलत तथ्यों को अफसर शासन तक भेज रहे हैं, जिससे आने वाला समय और चिंताजनक हो सकता है। अब क्षेत्रीय महामंत्री (संगठन) भवानी सिंह को ही कमान संभालनी होगी तभी, शासन तक सच पहुंच सकेगा और तभी सटीक कार्रवाई हो सकेगी।

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जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मी जान पर दांव लगा कर रात-दिन सेवा करते नजर आ रहे हैं, साथ ही लेखपाल और कानूनगो भी कड़ी मेहनत करते दिख रहे हैं, इन सबके अलावा डीएम कुमार प्रशांत सक्रिय दिखाई दे रहे हैं, बाकी सब लापरवाही बरत रहे हैं, तमाम अफसर तो पूरी तरह गायब ही हो गये हैं, जिसका दुष्परिणाम आम जनता भुगतती नजर आ रही है। कोरोना माहमारी को लेकर भी अफसर गंभीर नहीं हैं, जबकि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सो तक नहीं पा रहे हैं।

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तबलीगी जमात को लेकर प्रदेश और देश की सरकार बेहद गंभीर है पर, यहाँ का पुलिस-प्रशासन तबलीगी जमात को गंभीरता से नहीं ले रहा है। गौतम संदेश ने 1 फरवरी को खुलासा किया था कि सहसवान में तबलीगी जमात के लोग हैं। एसडीएम और सीओ के नेतृत्व में छापा मारा गया तो, मस्जिदों से तबलीगी जमात के लोग बड़ी संख्या में निकल आये, इसके बावजूद पुलिस-प्रशासन ने उन्हें तबलीगी जमात का नहीं माना, उन्हें बाहरी युवक कह कर संबोधित करता रहा।

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प्रशासन ने संबंधित मस्जिदों और मोहल्लों को सेनिटाइज नहीं कराया, तबलीगी जमात के लोगों से मिलने वालों की सूची तैयार नहीं कराई, उन्हें पन्ना लाल इंटर कॉलेज और नगर पालिका परिषद के भवनों में क्वारंटाइन करा कर प्रशासन भूल गया, जहाँ उनसे सबको मिलने की छूट थी, यहाँ भीम आर्मी ने मुलाकात की और मास्क भी भेंट कर दिए, इस बीच गौतम संदेश ने तमाम प्रमाण सार्वजनिक कर दिए कि सहसवान में मस्जिदों से निकाले गये लोग तबलीगी जमात के हैं तो, प्रशासन ने महाराष्ट्र से आये जमातियों को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 3 अप्रैल को भर्ती करा दिया और उनके सेंपल जांच के लिए भेज दिए गये।

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जमातियों के सेंपल की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग द्वारा छुपाई गई और रविवार देर रात सभी की निगेटिव रिपोर्ट बता कर झूठी खबरें प्रकाशित करा दी गईं, सोमवार को स्वास्थ्य विभाग से ही यह बात बाहर निकल आई कि एक जमाती की रिपोर्ट पॉजिटिव है, यह बात मीडिया कर्मियों के संज्ञान में आते ही हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस-प्रशासन का काफिला सहसवान पहुंच गया, सेनिटाइज कराने के बाद संबंधित मस्जिदों को सील करा दिया गया लेकिन, पुलिस अभी भी उन्हें बाहरी बता रही है, पुलिस अभी भी उन्हें तबलीगी जमात का नहीं मान रही है।

सहसवान में तबलीगी जमात के लोग 1 अप्रैल को ही निकल आये थे, इसके बावजूद यहाँ लॉक डाउन का कड़ाई से पालन नहीं कराया गया। शनिवार को मोहल्ला नयागंज में खुलेआम अवैध तरीके से शराब बेची जा रही थी, मोहल्ले के युवक ने विरोध किया तो, उस पर कई फायर किये गये, इस घटना में भी पुलिस ने पीड़ित की तहरीर बदलवा कर मुकदमा दर्ज किया था, जो लापरवाही और मनमानी का स्पष्ट उदहारण है।

पहले प्रशासन भी तबलीगी जमात के होने से मना कर रहा था, फिर तबलीगी जमात के लोगों ने गौतम संदेश से स्वीकार कर लिया तो, प्रशासन ने स्वीकार कर लिया लेकिन, साथ में यह जोड़ दिया कि यह लोग मरकज नहीं गये थे और यह लोग 15 दिसंबर से यहाँ हैं। सोमवार शाम को बताया गया कि यह लोग 14 फरवरी से यहाँ हैं। सवाल यह उठता है कि अधिकतम 40 दिन की जमात होती है तो, यह लोग 15 दिसंबर से अब तक सहसवान में क्यों थे? सवाल यह भी उठता है कि 15 दिसंबर या, 14 फरवरी से रह रहा युवक कोरोना वायरस से ग्रस्त होने के बावजूद जीवित कैसे है?, क्योंकि इतने दिनों में कोरोना खत्म हो जाता या, संबंधित व्यक्ति।

खैर, कोरोना माहमारी को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है, इस बात का अहसास ऐसे किया जा सकता है कि कोरोना माहमारी की नोडल अफसर सीडीओ आईएएस निशा अनंत नियुक्त की गई थीं पर, उनकी गतिविधिया शून्य नजर आ रही हैं, उनसे कोई फोन पर भी जानकारी लेना चाहता है तो, वे सीएमओ से बात करने को कह कर कॉल डिस्कनेक्ट कर देती हैं। समूचे सिस्टम में एक मात्र डीएम कुमार प्रशांत ही हैं, जो मेहनत करते दिख रहे हैं लेकिन, डीएम के हाथ-पैर अधीनस्थ ही होते हैं, जो लापरवाह हैं और लगातार झूठी आख्या दे रहे हैं।

जिले के लोग संकट में फंसे हुए हैं, उनकी बात मीडिया उठाना चाहता है तो, लापरवाही की बात को भ्रष्ट अफसर देश द्रोह करार दे देते हैं, इसलिए आम आदमी के मन की बात शासन तक नहीं पहुंच पा रही है, ऐसे में जिले के लोगों की नजरें भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री (संगठन) भावनी सिंह पर टिकी हुई हैं कि वे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को सच्चाई से अवगत करा कर जिले के हालात सही करायें और यहाँ के लोगों को भी आश्वस्त करें कि सरकार उनके स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी और आदित्यनाथ योगी के आह्वान पर लोग बढ़-चढ़ कर दान दे रहे हैं लेकिन, जिले की नगर निकायों में ट्रैक्टर माफिया के नाम से कुख्यात माफिया मिटटी के तेल को सेनिटाइज बता कर बेच रहा है और लाखों रूपये रोज का गोलमाल कर रहा है। भवानी सिंह को ट्रैक्टर चालक के नाम से कुख्यात माफिया को भी जेल भिजवाना होगा ताकि, माहमारी के दौर में सरकारी धन को न लूट सके।

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