सांसद धर्मेन्द्र यादव का नुकसान कर रही है सपा की आईटी सेल

सांसद धर्मेन्द्र यादव का नुकसान कर रही है सपा की आईटी सेल

बदायूं लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेन्द्र यादव का जितना नुकसान दुश्मन नहीं कर पाते, उससे कई गुना नुकसान उनके अपने ही करते रहते हैं। आईटी सेल का गठन समाजवादी पार्टी की नीतियों और कार्यों को फैला कर आम जनता को जोड़ने के उद्देश्य से किया गया था लेकिन, आईटी सेल उल्टा कर रही है। समाजवादी पार्टी के जो लोग पहले से कार्यकर्ता और समर्थक हैं, उन्हें आईटी सेल नाराज कर विरोध में जाने को प्रेरित कर रही है।

समाजवादी पार्टी की आईटी सेल की कार्यप्रणाली से जिले भर के पदाधिकारी और पुराने कार्यकर्ता नाराज हैं, क्योंकि आईटी सेल के अध्यक्ष ने टीम गठित करने में कोई मेहनत नहीं की। लोहिया वाहिनी, युवजन सभा, यूथ बिग्रेड और छात्र सभा के सक्रिय कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर जुटा कर वाट्सएप पर ग्रुप बना दिया, उसे ही नाम दे दिया गया टीम आईटी सेल, जबकि आईटी सेल के अध्यक्ष को अपने कार्यकर्ता बना कर उन्हें ट्रेंड करना चाहिए था। जो लोग सोशल साइट्स पर पहले से सक्रिय हैं, उन्हें जोड़ने से पार्टी को अतिरिक्त लाभ नहीं हो सकता।

अब बात करते हैं कि आईटी सेल के अध्यक्ष की हरकतों की तो, यह व्यक्ति सवर्णों को गालियाँ देकर समाजवादी पार्टी का बड़ा नुकसान कर चुका है, क्योंकि धर्मेन्द्र यादव के समर्थक हर वर्ग और हर धर्म में समान रूप से हैं। चूंकि आईटी सेल का अध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव का चहेता माना जाता है, जिससे उसकी शिकायत करने से कुछ नहीं होता, सो सवर्ण वर्ग के कई सारे युवा समाजवादी पार्टी से ही किनारा कर गये। मीडिया के विरुद्ध भी लिखता है, जिससे अधिकांश मीडियाकर्मी भी इसकी हरकतों के चलते रुष्ट रहते हैं, यह सब सही होता, उससे पहले और बड़ा कांड कर दिया।

आईटी सेल के वाट्सएप ग्रुप से गाँव गभियाई के पूर्व प्रधान के बेटे यूसुफ खान को रिमूव कर दिया, इससे आहत होकर यूसुफ ने फेसबुक पर पोस्ट शेयर की है, जिसमें लिखा है कि मुस्लिम होने की वजह से उन्हें आईटी सेल के ग्रुप से निकाल दिया गया, इस हरकत का सांसद धर्मेन्द्र यादव को बड़ा नुकसान हो सकता है, क्योंकि आबिद रजा चुनाव लड़ने की मंशा जता चुके हैं, ऐसे में यह संदेश जा सकता है कि मुस्लिमों से दूरियां बनाई जा रही हैं। आईटी सेल की कार्यप्रणाली से समाज का हर वर्ग आहत नजर आ रहा है, वहीं पार्टी के नेता और पदाधिकारी भी खुश नहीं हैं, ऐसे में सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव और सांसद धर्मेन्द्र यादव को पुनर्विचार करना चाहिए, वरना आने वाले समय में बड़ा नुकसान हो सकता है।

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