बदायूं की पुलिस को नहीं दिखता, आप ही बचाईये डीजीपी साहब

बदायूं जिले में एक ऐसा तबका अभी भी है, जो 16वीं सदी वाली सोच के साथ जी रहा है। एक मुस्लिम परिवार अपनी ही नाबालिग बेटी की निरंतर बलि चढ़ा रहा है। प्रकरण पुलिस के संज्ञान में भी है, लेकिन, पुलिस को कुछ भी गलत नहीं लग रहा है। कड़ी कार्रवाई करने की जगह पुलिस पूरे प्रकरण को टालने में जुटी हुई नजर आ रही है।

चौंकाने वाला प्रकरण कोतवाली उझानी क्षेत्र का है, क्षेत्र के गाँव बरसुआ में एक मुस्लिम परिवार रहता है, जिसने अपनी नाबालिग बेटी का निकाह कई वर्ष पहले जिला कासगंज में किया था, वहां नाबालिग बेटी ने बेटी को जन्म दिया, जो किसी तरह मर गई, उसके बाद शौहर ने उसे तलाक दे दिया तो, नाबालिग बेटी मायके आ गई।

मायके आने के कुछ महीनों बाद ही परिजनों ने नाबालिग बेटी का पुनः निकाह कर दिया लेकिन, वह पुनः प्रताड़ित की जाने लगी, नाबालिग लड़की अभी भी निकाह का बोझ उठाने की अवस्था में नहीं है, वह नहीं रहना चाहती है पर, शौहर छोड़ने को तैयार नहीं है और माँ-बाप तीसरा शौहर निर्धारित कर चुके है, जिसके चलते प्रकरण उझानी कोतवाली तक पहुंच गया।

गुरूवार को कोतवाली उझानी में दिन भर पुलिस, शौहर और माँ-बाप के बीच नाबालिग बेटी पंचायत का विषय बनी रही, दो निकाह होने के बावजूद लड़की की उम्र इस समय 17 वर्ष से कम बताई जा रही है लेकिन, पुलिस को इस सबसे कोई अंतर नहीं पड़ता, पुलिस कार्रवाई करने की जगह मामला दबाने में ही जुटी नजर आ रही है, जबकि माँ-बाप दूसरे शौहर को छुड़वा कर तीसरा निकाह कराने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

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