पुलिस ने लूट की वारदात का फर्जी मुठभेड़ से किया फर्जी खुलासा

पुलिस ने लूट की वारदात का फर्जी मुठभेड़ से किया फर्जी खुलासा

बदायूं जिले में पुलिस जमकर मनमानी करती नजर आ रही है। बिसौली कोतवाली प्रभारी राजेश कश्यप सट्टा करवाने का आरोप झेल रहे हैं, उनके विरुद्ध वकीलों ने मोर्चा खोल दिया है, इसी तरह वजीरगंज थाना पुलिस अफसरों को बताये बिना बरेली जिले के थाना अलीगंज क्षेत्र में दबिश देने चली गई। उघैती के थानाध्यक्ष लापरवाही के चलते हाल ही निलंबित हुए हैं, उनकी जगह प्रमेन्द्र कुमार भेजे गये, जो पहले सप्ताह में ही असफल साबित हो चुके हैं। आपराधिक वारदातें रोकने में नाकाम पुलिस ने लूट की वारदात का फर्जी खुलासा कर दिया, जिससे पुलिस की क्षेत्र में और भी ज्यादा फजीहत हो रही है।

उल्लेखनीय है कि उघैती थाना क्षेत्र के गाँव खंडूवा निवासी रविशंकर उर्फ टीपू का गाँव सोहरा में मेडिकल स्टोर है, वह रोज की तरह ही स्टोर बंद कर 12 दिसंबर को गाँव वापस लौट रहा था, तभी शाम 7 बजे के करीब उघैती-खंडूवा मार्ग पर उसे दो बदमाशों ने रोक लिया और चाकू से वार कर तीन हजार नकद एवं मोबाईल लूट कर बदमाश आसानी फरार हो गये। घायल पीड़ित किसी तरह उघैती पहुंचा, तो उसे प्राथमिक उपचार के बाद बिल्सी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए रेफर कर दिया गया था। पुलिस को घटना की सूचना दे दी गई, लेकिन पुलिस ने बदमाशों को खोजने का प्रयास भी नहीं किया था।

अब पुलिस का दावा है कि उसने मुठभेड़ के बाद बदमाश पकड़ लिए हैं। दावा है कि एसआई रघुनाथ सिंह, एसआई हितेश कुमार, सिपाही उपदेश कुमार और सिपाही नरेंद्र कुमार रविवार रात 12 बजे गश्त पर जा रहे थे, तभी दारानगर स्थित हनुमान मन्दिर के पास दो लोग खड़े दिखाई दिए, पुलिस ने टॉर्च जलाई, तो बदमाश फायर कर भाग गये, जिसके बाद पुलिस ने कड़ी मेहनत से दोनों को पकड़ लिया।

थाने लाकर पूछा गया, तो एक ने अपना नाम वेदप्रकाश पुत्र नेकसी और दूसरे ने पुष्पेन्द्र पुत्र दानवीर निवासीगण बसंतनगर थाना उघैती बताया, साथ ही पुष्पेन्द्र से तमंचा, दो कारतूस और वेदप्रकाश से चाकू बरामद हुआ, लेकिन मोबाइल किसी से नहीं मिला। ग्रामीणों का कहना है कि दानवीर और पुष्पेन्द्र के परिवारों के बीच जमीनी विवाद को लेकर रंजिश चल रही है, दोनों परिवारों के सदस्य आपस में बोलते तक नहीं हैं और मरने-मारने तक की नौबत है, ऐसे में दोनों मिल कर लूट की वारदात को कैसे अंजाम दे सकते हैं, इसके अलावा रात्रि गश्त में दो एसआई कभी एक साथ नहीं जाते, इसलिए ग्रामीणों का कहना है कि इस मुठभेड़ की उच्चस्तरीय जाँच होना चाहिए, क्योंकि संविधान कहता है कि भले ही सौ गुनहगार बच जायें, पर बेकसूर एक भी नहीं फंसना चाहिए।

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